इंडिया टुडे ने अपने कंसलटिंग एडिटर और वरिष्ठ एंकर राजदीप सरदेसाई को दो हफ़्तों के लिए ऑफ एअर कर दिया है, यानी उन्हें इस समय के लिए एंकरिंग से हटा दिया है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर भारी सुरक्षाबल और दर्जनों रोडबेज बसें तैनात । सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन के ख़िलाफ़ कुछ लोगों ने की नारेबाज़ी
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। राकेश टिकैत ने आत्महत्या करने की धमकी दी । पुलिस गाज़ीपुर बॉर्डर खाली कराेने पहुँची, टिकैत बोले - नहीं करेंगे खाली
सरकार की स्क्रिप्ट के हिसाब से ही हो रहा सबकुछ? आंदोलन को पटरी से उतारने के लिए सरकार क्या कर रही? देखिए वरिष्ठ पत्रकार आलोक जोशी का विश्लेषण। Satya Hindi
सरकार का क़हर शुरू । किसानों पर देशद्रोह और UAPA में मुकदमा । क्या आंदोलन खत्म ? आशुतोष के साथ चर्चा में डा सुनीलम, विजय त्रिवेदी, सतीश के सिंह, नरेंद्र तनेजा ।
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद प्रशासन ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आन्दोलन से जुड़े संगठनों को ग़ाज़ीपुर बॉर्डर खाली करने का नोटिस दे दिया है।
16 विपक्षी दलों के नेताओं ने इसका एलान करते हुए कहा है कि वे आन्दोलनकारी किसानों के साथ है और उनके साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए राष्ट्रपति के अभिभाषण का बायाकॉट करेंगे। इन दलों ने एक तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने की माँग सरकार से की है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। राहुल : सभी लोग कृषि क़ानूनों को समझ लें तो देशभर में आंदोलन होगा । ‘मोदी शासन तेज़ी से बड़ती अर्थव्यवस्था को बर्बाद करना का एक सबक’
कृषि क़ानूनों की माँग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों की गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली हिंसा में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की है। वह 25 एफ़आईआर दर्ज कर चुकी है। इनमें 37 किसान नेताओं के नाम हैं।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।हिंसा के बाद बजट के दिन किसानों का प्रस्तावित संसद मार्च रद्द।ट्रैक्टर रैली हिंसा: 25 FIR में 37 किसान नेताओं के नाम
सरकार शुरू से कृषि क़ानून वापस नहीं लेने और किसान आंदोलन को कमज़ोर करने के लिए फूट डालने की रणनीति पर चल रही थी। ट्रैक्टर परेड के बाद उसे बहाना मिल गया है।
ट्रैक्टर रैली हिंसा में दिल्ली पुलिस अब तक 25 एफ़आईआर दर्ज कर चुकी है। इनमें 37 किसान नेताओं के नाम हैं। इनमें 30 से ज़्यादा वे हैं जो 40 किसान नेता कृषि क़ानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर केंद्र सरकार से बातचीत कर रहे थे।
छह महीने के राशन-पानी और चलित चौके-चक्की की तैयारी के साथ राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पहुँचे किसान अपने धैर्य की पहली सरकारी परीक्षा में ही असफल हो गए हैं, क्या ऐसा मान लिया जाए?