किसान आंदोलन में दिल्ली का ऐतिहासिक लाल क़िला भी चर्चा में आ गया है। कुछ जगह उपद्रव होने की ख़बरों के बीच सबसे ज़्यादा फोकस इस बात पर रहा कि कुछ लोगों ने लाल क़िले पर तिरंगे के बजाय दूसरा झंडा फहरा दिया।
कृषि क़ानूनों के वर्तमान में चल रहे किसान आंदोलन ने जाति और धर्म की बाधाओं को तोड़ कर लोगों को एकजुट कर दिया है। इसके अलावा, इन्होंने राजनेताओं को इस मामले से दूरी बनाये रखने के लिए कहा है।
पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पाण्डेय जैसे पत्रकारों और कांग्रेस सांसद शशि थरूर पर अब दिल्ली पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है। किसान आंदोलन हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट के लिए केस दर्ज किया गया है।
किसान नेता राकेश टिकैत के आँसुओं से क्या सरकार को डर लग गया? 26 जनवरी को किसान प्रदर्शन के दिन हिंसा के बाद बंद किए गए इंटरनेट को बहाल किया ही जा रहा था कि फिर से इंटरनेट को बंद कर दिया गया।
29 जनवरी को सिंघु बॉर्डर पर हुए पथराव की तमाम सचाइयाँ सामने आ गई हैं। यह साफ़ हो गया है कि किसानों के आंदोलन से नाराज़ स्थानीय लोग इस प्रायोजित हिंसा में शामिल नहीं थे।
क्या है किसानों पर हमले की साजिश ? लाल क़िला, सिंघू बार्डर और ग़ाज़ीपुर बार्डर पर हमले का पैटर्न ? आशुतोष के साथ चर्चा में प्रो आनंद कुमार, सतनाम सिंह मानक, अशोक वानखेड़े, एम जे खान, आलोक जोशी ।
गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान मारे गए युवक नवरीत सिंह के परिजनों ने पुलिस के इस दावे को एक बार फिर सिरे से खारिज कर दिया है कि उसकी मौत ट्रैक्टर पलटने से हुई थी।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। किसान आज करेंगे भूख हड़ताल, मनाएँगे सद्भावना दिवस । सिंघु बॉर्डर पर हुई हिंसा में पुलिस ने 44 लोगों को किया गिरफ़्तार
क्या दिल्ली से सटे हरियाणा के सिंघु सीमा पर बैठे आन्दोलनकारी किसानों को वहाँ से हटाने के लिए स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया है? या स्थानीय होने का दावा करन वाले लोग भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं?