किसान आंदोलन से जुड़े एक मामले में अब मोदी सरकार ट्विटर के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकती है। इसने ट्विटर को नोटिस जारी किया है। किसान आंदोलन को समर्थन करने वाले ट्विटर खातों को खोलने पर यह नोटिस जारी किया गया है।
किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार को निशाने पर लेते रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दुनिया के तानाशाहों का ज़िक्र करते हुए एक ट्वीट किया है। राहुल ने ट्वीट में लिखा कि दुनिया के इतने सारे तानाशाहों के नाम 'M' से क्यों शुरू होते हैं?
एक बेहद अहम घटनाक्रम में कांग्रेस नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ऑपरेशन ब्लू स्टार का ज़िक्र करते हुए कहा है कि अतीत में वैसे ही पंजाब के लोगों ने 42 माँगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किए थे और बाद में ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसी कार्रवाई की गई थी।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। राहुल बोले - सभी तानाशाहों के नाम M से क्यों शुरू होता है।ट्रैक्टर रैली हिंसा मामले में सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
किसान ‘कांट्रैक्ट फ़ार्मिंग’ से लड़ रहे हैं और पत्रकार ‘कांट्रैक्ट जर्नलिज़्म’ से। व्यवस्था ने हाथियों पर तो क़ाबू पा लिया है पर वह चींटियों से डर रही है। ये पत्रकार अपना काम सोशल मीडिया की मदद से कर रहे हैं।
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आन्दोलन को केंद्र सरकार भले ही सख़्ती से कुचलने की नीति पर चले, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान इस ओर गया है और कई मशहूर लोगों ने इसका समर्थन किया है।
गणतंत्र दिवस पर किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा और लाल क़िले पर हुए घटनाक्रमों की जाँच कर रही पुलिस ने पंजाबी अभिनेता 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। आज जींद में है महापंचायत, राकेश टिकैत भरेंगे हुंकार । सिंघु बॉर्डर: खुले में जाना पड़ रहा शौच, पानी सप्लाई में भी दिक्कत
संसद के दोनों सदनों में कृषि क़ानून पर ज़ोरदार बहस चल रही है। कांग्रेस सदस्य ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कृषि क़ानूनों का विरोध करते हुए कहा कि अंग्रेजों के जमाने में भी कृषि क़ानूनों को वापस लेना पड़ा था।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को ज़िला प्रशासन से कहा है कि वह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के ख़िलाफ़ न जाए। कोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसमें कहा गया था कि सीतापुर प्रशासन ने किसानों को नोटिस जारी किया है।
2013 के मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के बाद, मेरठ, मुज़फ़्फ़रनगर और इन क्षेत्रों के अन्य पश्चिमी जिलों के किसान धार्मिक क्षेत्रों में ध्रुवीकृत हो गए थे और हिंदू हिंदुत्ववादी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रबल समर्थक बन गए थे।