किसान आंदोलन पर पॉप सिंगर रियाना के ट्वीट से भले ही बीजेपी सरकार बौखलाई हो, लेकिन इस बीच अमेरिका ने भी अब टिप्पणी कर दी है। भारत में किसान आंदोलन पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतंत्र की पहचान है।
क्या नरेंद्र मोदी सरकार और सत्तारूढ़ बीजेपी के लोग किसान आन्दोलन को मिल रहे अंतरराष्ट्रीय समर्थन से बौखला गए हैं? यह सवाल इसलिए उठ रहा कि सरकार की तरफ़ से ज़ोरदार जवाबी हमला बोला गया है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। राकेश टिकैत : गद्दी वापसी की माँग की तो मुश्किल हो जाएगी ।संसद में गूँजा किसानों का मुद्दा, विपक्ष ने मोदी सरकार को जमकर घेरा
बडे अंतरराष्ट्रीय सितारों के ट्वीट से परेशान क्यों सरकार ? क्या बीजेपी को होगा बडा नुकसान ? आशुतोष के साथ चर्चा में पुष्पेंद्र चौधरी, रविकांत, सतीश के सिंह, निर्मल पाठक, कार्तिकेय बत्रा, रवि आंबेकर !
सरकार ने दिल्ली के आसपास किसान आंदोलन के ख़िलाफ़ क़िलेबंदी कर दी है, मगर वह फैलता ही जा रहा है। सरकार द्वारा किसानों को बदनाम करने के हथकंडों का भी उल्टा असर हो रहा है। ऐसे में बेहतर है कि सरकार कानून वापस ले। ये कहना है कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा का। पेश है उनसे वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की बातचीत।
किसान आंदोलन से जुड़े एक मामले में अब मोदी सरकार ट्विटर के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकती है। इसने ट्विटर को नोटिस जारी किया है। किसान आंदोलन को समर्थन करने वाले ट्विटर खातों को खोलने पर यह नोटिस जारी किया गया है।
किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार को निशाने पर लेते रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दुनिया के तानाशाहों का ज़िक्र करते हुए एक ट्वीट किया है। राहुल ने ट्वीट में लिखा कि दुनिया के इतने सारे तानाशाहों के नाम 'M' से क्यों शुरू होते हैं?
एक बेहद अहम घटनाक्रम में कांग्रेस नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ऑपरेशन ब्लू स्टार का ज़िक्र करते हुए कहा है कि अतीत में वैसे ही पंजाब के लोगों ने 42 माँगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किए थे और बाद में ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसी कार्रवाई की गई थी।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। राहुल बोले - सभी तानाशाहों के नाम M से क्यों शुरू होता है।ट्रैक्टर रैली हिंसा मामले में सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
किसान ‘कांट्रैक्ट फ़ार्मिंग’ से लड़ रहे हैं और पत्रकार ‘कांट्रैक्ट जर्नलिज़्म’ से। व्यवस्था ने हाथियों पर तो क़ाबू पा लिया है पर वह चींटियों से डर रही है। ये पत्रकार अपना काम सोशल मीडिया की मदद से कर रहे हैं।
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आन्दोलन को केंद्र सरकार भले ही सख़्ती से कुचलने की नीति पर चले, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान इस ओर गया है और कई मशहूर लोगों ने इसका समर्थन किया है।