सवाल उठता है कि आख़िर टूलकिट क्या होता है, कैसे बनता है और उसका क्या इस्तेमाल हो सकता है। साधारण व सपाट शब्दों में कहा जाए तो टूलकिट एक गूगल डॉक्यूमेंट होता है।
दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा तनबर्ग के जिस टूलकिट को लेकर तीन सामाजिक व पर्यावरण कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया है, उसे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज दीपक गुप्ता ने क्लीन चिट दे दी है। उन्होंने कहा है कि इस टूलकिट में कुछ भी आपत्तिजनक, हिंसक या भड़काऊ नहीं है।
दिल्ली ग़ाज़ियाबाद बॉर्डर पर देवराज पिछले 80 दिनों से धरने पर बैठे हैं। वह कहते हैं कि 81वाँ दिन है और उम्मीद है कि सरकार यह क़ानून वापस ले लेगी और हम लोग अपनी खेती-किसानी करने अपने-अपने घरों को चले जाएँगे।
दिशा रवि की गिरफ्तारी के पीछे क्या है सोच? गैस सिलेंडर, पेट्रोल-डीज़ल के भाव आसमान छू रहे, लेकिन कोई चर्चा क्यों नहीं ? दिलीप घोष के बयान के बाद किसी की भावनाएँ आहत क्यों नहीं हुईं? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi
पर्यावरण और मानवाधिकार कार्यकर्ता दिशा को दिल्ली पुलिस ने बंगलुरु से गिरफ्तार किया। क्या किया दिशा ने और क्या चाहती है पुलिस? अपूर्वानंद, विक्रम सिंह, आभा सिंह, प्रमोद जोशी और आशुतोष के साथ आलोक जोशी।
क्या कृषि क़ानून केवल कारपोरेट घरानों को फ़ायदा पहुँचाने के लिए हैं? क्या इसका कोई वैचारिक आधार भी हो सकता है? क्या मोदी सरकार की कारपोरेटपरस्त आर्थिक नीति के पीछे कोई समाजनीति भी है?
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी न्यूज़बुलेटिन।दिशा रवि पर प्रियंका बोलीं- डरते हैं बंदूकों वाले निहत्थी लड़की से ।हरियाणा के मंत्री बोले - दिशा रवि हों या कोई और समूल नाश हो
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। ठहाकों के बीच हरियाणा के कृषि मंत्री बोले- 'किसान मर्जी से मर रहे' । सिलेंडर 50 रुपये महंगा, दिल्ली में एक सिलेंडर 769 रुपये का
देश की 70 प्रतिशत आबादी के खेती-किसानी पर निर्भर रहने के बावजूद क्यों कोई सरकार उनकी मूलभूत समस्याओं का समाधान खोजने में गहरी दिलचस्पी नहीं लेती है या अब तक समाधान ढूंढ नहीं पायी है।
ऐसे समय जब केंद्र सरकार अपनी ज़िद पर अड़ी है कि कृषि क़ानून 2020 किसी सूरत में रद्द नहीं होंगे, किसानों ने इस आन्दोलन को देश के कोने-कोने में ले जाने का फ़ैसला किया है।
योगेन्द्र यादव ने ‘आंदोलनभोगी’ कहकर किसपर निशाना साधा? पीएम मोदी से कौनसा गिफ्ट वापस लेने को बोले योगेन्द्र यादव? और किसानों के साथ बैठक में क्या बोलती है सरकार? देखिए वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी की स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव से ख़ास बातचीत। Satya Hindi
ऐसे समय जब कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते ढाई महीने से किसान आन्दोलन चल रहा है और सरकार उनकी माँगें नहीं मान रही है, हरियाणा के कृषि मंत्री ने बेहद संवेदनहीन टिप्पणी की है।