हरियाणा के बहादुरगढ़ में 42 साल के एक शख़्स की बुरी तरह जलने के बाद मौत हो गयी। पुलिस का कहना है कि इस शख़्स पर चार लोगों ने ज्वलनशील पदार्थ छिड़क दिया था और उसके बाद आग लगा दी थी।
टीकाकरण की अव्यवस्थाओं को दूर करने की प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की है तो क्या खेती सम्बन्धी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आन्दोलन के सन्दर्भ में भी क्या ऐसा होगा?
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। हरियाणा : विधायक के साथ विवाद के मामले में किसानों ने निकाला मार्च । एमपी: हड़ताल पर डटे डॉक्टर्स, ‘कुचलने’ की कोशिश में सरकार
केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन को छह महीने पूरे हो चुके हैं। यह आंदोलन न सिर्फ़ मोदी सरकार के कार्यकाल का बल्कि आज़ाद भारत का ऐसा सबसे बड़ा आंदोलन है जो इतने लंबे समय से जारी है।
किसान आंदोलन के 6 माह पूरे हो गए हैं और मोदी की सत्ता के सात साल। अभी मोदी के पास भी समय है और किसानों के पास भी। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता पहले ही आंदोलन को तीन साल तक चलाने की बात कह चुके हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एक अस्पताल का उद्घाटन करने हिसार गए तो वहाँ किसानों ने उनका ज़बरदस्त विरोध किया। पुलिस और किसानों के बीच झड़प में कम से कम 20 लोग घायल हो गए।
भारतीय किसान यूनियन ने यह कह कर सबको चौंका दिया है कि वह बीजेपी के ख़िलाफ़ नहीं है, पंचायत चुनाव में लोग जिसे चाहें, वोट दें। भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा है कि यूपी पंचायत चुनाव 2021 में लोग चाहें जिसे वोट दें।
यूपी में पंचायत चुनावों के बीच सवाल है कि पिछले 6 महीनों में उठ खड़े हुए देशव्यापी किसान आंदोलन का खूँटा पकड़कर विपक्ष इन पंचायत चुनावों में बीजेपी की चूलें उघाड़ने में कामयाब होगा या नहीं?