Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। किसान आंदोलन: SC ने कहा - सड़क हमेशा के लिए बंद नहीं कर सकते । अडानी एशिया के दूसरे सबसे अमीर, अंबानी पहले स्थान पर
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । भारत बंद: टिकैत बोले- मुठ्ठी भर किसान कहने वाले आँखें खोलें । किसानों ने किया भारत बंद, टिकैत बोले - सफल रहा
राकेश टिकैत ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आन्दोलन पर जो बाइडन को अपील कर और यह मुद्दा मोदी के साथ होने वाली बैठक में उठाने की अपील कर क्या सही किया है?
क्या मिशन यूपी किसान आंदोलन की आख़िरी उम्मीद है? क्या किसानों को राजनीति में सीधे दखल देना चाहिए, उन्हें राजनीतिक दल बनाकर चुनाव लड़ना चाहिए? सरकार की बेरुख़ी से वे कैसे पार पाएंगे? कृषि और किसान राजनीति के विशेषज्ञ डॉ. देवेंद्र शर्मा से प्रो. मुकेश कुमार की बातचीत-
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले इसी मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाट परिवार में जन्म लेने राजा महेंद्र प्रताप का नाम जप कर उन्होंने अलीगढ़ में एक नए राज्य विश्वविद्यालय की आधारशिला रख दी।
हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार 'सिर तोड़ने' का आदेश देने वाले करनाल एसडीएम और उस लाठीचार्ज की जाँच कराने को राजी हो गई है। किसानों ने आन्दोलन वापस ले लिया है।
मुज़फ्फरनगर महापंचायत में दिए गए एकता के नारे से बीजेपी क्यों परेशान है? इस नारे के ख़िलाफ़ वह और गोदी मीडिया अभियान क्यों चला रहे हैं? क्या इससे किसान आंदोलन को नुक़सान हो सकता है? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- रामकृपाल सिंह, तीस्ता सीतलवाड़, क़ुरबान अली, शरद गुप्ता, ओंकारेश्वर पांडे और डॉ. रविकांत
मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत में किसान आंदोलन का जो रूप दिखाई दिया है वह क्या हिंदुत्ववादियों द्वारा बहुसंख्यक हिंदुओं की आँखों पर चढ़ाया गया हिंदुत्व के चश्मे को उतार फेंकेगा?
रबी की एमएसपी वक्त से पहले बढ़ाई गई। क्या दो ढाई परसेंट की यह बढ़त किसानों के लिए खुशखबरी है? अब शांत हो जाएगा किसानोें का गुस्सा? आलोक जोशी के साथ किसान नेता वी एम सिंह, वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र भट्ट और सतीश के सिंह
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। हरियाणा गृहमंत्री : किसी के कहने पर फांसी तो नहीं दे सकते हैं। ब्रिक्स में बोले पुतिन - अफगानिस्तान में नया संकट पैदा हो गया है।
करनाल में 'सिर फोड़ने' का आदेश देने वाले अधिकारी के ख़िलाफ़ जाँच की मांग के मामले में हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा है कि यदि दोषी हुए तो किसानों के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जाएगी।
कृषि क़ानून, सीएए जैसे अधिकतर क़ानूनों के ख़िलाफ़ जबरदस्त आंदोलन क्यों हो रहे हैं? क्या क़ानून बनाने या सुधार करने से पहले पर्याप्त चर्चा नहीं हो रही है? पहले संशोधन विधेयक संयुक्त समितियों को भेजे जाने का चलन था, क्या अब वैसा हो रहा है?