पर्यावरण प्रभाव आकलन (Environment Impact Assesment) के मसौदे का ज़बर्दस्त विरोध हो रहा है, मगर सवाल उठता है कि क्या सरकार उद्योगपतियों को लाभ पहुँचाने के लिए किए जा रहे परिवर्तनों से पीछे हटेगी या अपने मन की करेगी? पेश है जानी-मानी पर्यावरण कार्यकर्ता और चिंतक मेधा पाटकर से वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की बातचीत।
मोदी सरकार के पर्यावरण प्रभाव आकलन (Environment Impact Assessment) का मसौदा का ज़बर्दस्त विरोध हो रहा है। पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि इसको अगर मान लिया गया तो उद्योगपतियों और कारोबारियों को जल, जगल और ज़मीन की खुली छूट मिल जाएगी। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट