चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण के मतदान और उत्तराखंड व गोवा में चुनाव से पहले चुनाव प्रचार के नियमों में ढील देने की घोषणा की है। जानिए, अब क्या होंगे नियम।
ओमिक्रॉन के ख़तरे के बीच तीसरी लहर के जोर पकड़ने की आशंका है तो क्या ऐसे में चुनाव कराना ज़रूरी है? क्या कोरोना की दूसरी लहर से सीख ली गई है? जानिए, दूसरे देशों में कैसे फ़ैसले लिए गए।
कोरोना के ओमिक्रॉन संक्रमण के ख़तरे के बीच पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे या नहीं? चुनाव आयोग के संभावित फ़ैसले पर अभी से ही क्यों हो रहा है विवाद?
ओमिक्रॉन वैरिएंट के जोखिम के बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट के आग्रह पर क्या विधानसभा चुनाव टाले जाएंगे? आख़िर चुनाव आयोग राज्यों में चुनावी तैयारियों का जायजा क्यों ले रहा है?
पांच राज्यों से राज्यसभा की 8 सीटें खाली हुई हैं, जिनके लिए उपचुनाव होना है। लेकिन चुनाव आयोग ने इनमें से फ़िलहाल सिर्फ़ पश्चिम बंगाल की 1 सीट के लिए उपचुनाव कराने का ऐलान किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया का मुँह बंद करने से साफ इनकार करते हुए कहा है कि प्रेस लोकतंत्र का पहरेदार है और अदालत में हो रही सुनवाई की खबर देने से इसे नहीं रोका जा सकता।
चुनाव आयोग मीडिया में आलोचना के ख़िलाफ़ कोर्ट की शरण में क्यों गया? मद्रास हाईकोर्ट की मौखिक टिप्पणियों के बाद मीडिया में चुनाव आयोग की आलोचना की बाढ़ आ गई थी। अब चुनाव आयोग चाहता है कि कोर्ट मीडिया का मुँह बंद करे। क्या ये सही है?
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में लगे हुए 135 शिक्षकों, शिक्षा मित्रों और जाँचकर्ताओं की मौत की ख़बर पर तीखी टिप्पणी करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर सफाई माँगी है।
ऐसे समय जब रोज़ाना कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की तादाद साढ़े तीन लाख से भी ज़्यादा हो गई है और हाहाकार मचा है, मद्रास हाई कोर्ट ने एक बेहद अहम फ़ैसले में इसके लिए केंद्रीय चुनाव आयोग को ज़िम्मेदार ठहराया है।