इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से किसने, कितने और क्यों चंदा दिया, यदि यह जानकारी अभी आ जाए तो क्या दिक्कत है? आख़िर इसे लोकसभा चुनाव बाद जून तक समय-सीमा बढ़ाने की मांग क्यों की जा रही है?
चुनाव आयोग ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार या एनसीपी शरदचंद्र पवार को नया चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया है। गुरुवार को मिले इस चुनाव चिन्ह्र में तुरहा बजाता हुआ आदमी दिख रहा है।
सरकार द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड लॉन्च किए जाने के साथ ही इस पर गंभीर सवाल उठते रहे हैं। विपक्षी दलों से लेकर चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट तक ने सवाल उठाए। जानिए, क्या-क्या आपत्तियाँ उठती रहीं।
Satya Hindi news Bulletin हिंदी समाचार | EVM से जुड़े सवालों पर बोला चुनाव आयोग, दूर कर पाया INDIA की आशंका? | रिपोर्ट कार्ड: पीएम ने 10 वर्षों में हासिल की गई प्रगति पर लोगों की प्रतिक्रिया मांगी
चुनावी बॉन्ड योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही है। अदालत का फ़ैसला चाहे जो भी आए, लेकिन सवाल है कि चुनावी बॉन्ड पर प्रश्न क्यों उठ रहे हैं और दलों को मिलने वाले चंदे में भारी अंतर क्यों है?
इलेक्टोरल बॉन्ड पर पहले सरकार ने कह दिया था कि लोगों को यह जानने का अधिकार नहीं है और अब चुनाव आयोग ने कह दिया है कि इस पर उसके पास आँकड़े ही नहीं है। जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।
बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें उन पर चुनाव में पैसों का लालच देकर वोट खरीदने की कोशिश करने का आरोप लगाया जा रहा है। जानें मामला क्या है।