चुनाव आयोग द्वारा शनिवार को चुनाव की घोषणा के बाद विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेताओं ने जहां इसका खुले दिल से स्वागत किया है वहीं कांग्रेस के नेताओं ने कई सवाल उठाए हैं।
लोकसभा की 543 सीटों के लिए चुनाव इस बार 19 अप्रैल से 1 जून तक 7 चरणों में होगा। 4 जून को चुनाव के नतीजे सामने आएंगे। पिछले 2019 के लोकसभा भी 7 चरणों में हुए थे।
लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तैयारियाँ पूरी कर ली है। दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के साथ ही अब चुनाव की घोषणा करने वाली है। जानिए, चुनाव आयोग ने क्या कहा है।
कोर्ट ने कहा है कि संवैधानिक बेंच ने इस केस में दिए अपने फैसले में साफ तौर पर कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड को खरीदने की तिथि, खरीदार का नाम, श्रेणी समेत इसकी विस्तृत जानकारी दी जायेगी। लेकिन बॉन्ड के यूनिक नंबर की जानकारी एसबीआई ने चुनाव आयोग को नहीं दी है।
चुनाव आयोग ने गुरुवार को इलेक्टोरल बॉन्ड या चुनावी बॉन्ड के जरिये राजनैतिक दलों को चंदा देने वाले दानदाताओं की लिस्ट जारी कर दी है। चुनावी बांड के जरिये किसने कितना रुपया राजनैतिक दलों को चंदे के रूप में दिया है अब सार्वजनिक हो चुका है।
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी मिलने के बाद अब इसको चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया गया। जानिए, चुनाव आयोग ने क्या कहा है।
चुनाव आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्त होते हैं। इन दो चुनाव आयुक्तों में से एक अनूप चंद्र पांडेय फरवरी में सेवानिवृत हो चुके हैं जबकि दूसरे चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने बीते 8 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक अधीर रंजन चौधरी ने केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग और कानूनी मामलों के विभाग के सचिव राजीव मणि को इसको लेकर एक पत्र लिखा है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सोमवार को कहा था कि एसबीआई की दलीलों से संकेत मिलता है कि जानकारी आसानी से उपलब्ध है।
इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से किसने, कितने और क्यों चंदा दिया, यदि यह जानकारी अभी आ जाए तो क्या दिक्कत है? आख़िर इसे लोकसभा चुनाव बाद जून तक समय-सीमा बढ़ाने की मांग क्यों की जा रही है?
चुनाव आयोग ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार या एनसीपी शरदचंद्र पवार को नया चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया है। गुरुवार को मिले इस चुनाव चिन्ह्र में तुरहा बजाता हुआ आदमी दिख रहा है।
सरकार द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड लॉन्च किए जाने के साथ ही इस पर गंभीर सवाल उठते रहे हैं। विपक्षी दलों से लेकर चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट तक ने सवाल उठाए। जानिए, क्या-क्या आपत्तियाँ उठती रहीं।