बीजेपी नेता केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के गंभीर आपत्तिजनक भाषणों पर चुनाव आयोग ने मामूली कार्रवाई क्यों की? उन्हें चुनाव अभियान से भी नहीं रोका, क्यों? देश संविधान के हिसाब से चलेगा या मनमानी तरीक़े से? संवैधानिक संस्थाएँ कमज़ोर क्यों हुईं? कौन हैं ज़िम्मेदार? देखिए आशुतोष की बात।
टी. एन. शेषन ने मुख्य चुनाव आयुक्त बनते ही जिन सुधारों का एलान किया और जिस सख़्ती से उन्हें लागू करवाया, उसने भारतीय राजनीति की दश दिशा बदल दी। शेषन ने रविवार को अंतिम सांसें लीं।
लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता भंग करने के मामले में प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को क्लीनचिट देने से असहति रखने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवाला की मुश्किलें सरकार और बढ़ाने वाली है।
चुनाव आयोग ने जब महाराष्ट्र की सातारा लोकसभा सीट पर उप चुनाव की घोषणा की तो कई सवाल खड़े हुए। आयोग ने अभी 21 सितम्बर को ही प्रदेश के विधानसभा चुनावों के साथ ही सातारा उप चुनाव की घोषणा क्यों की थी?
64 पूर्व वरिष्ठ नौकरशाहों ने आयोग को चिट्ठी लिख कर 2019 के लोकसभा चुनावों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे पिछले 30 साल में सबसे कम निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव क़रार दिया है।
चुनाव आचार संहिता के ‘उल्लंघन’ के मामले में क्या अब प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी? इसकी संभावना इसलिए बनती है कि यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया है।
बालाकोट हमले के नाम पर वोट माँगकर क्यों चुनाव आयोग की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। चर्चा में शामिल हैं वरिष्ठ पत्रकार शैलेश और आशुतोष।