महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी। कहा मार्गदर्शन कीजिए। उधर शिंदे सरकार पर निर्भया फंड की हेराफेरी का आरोप। क्या महाराष्ट्र में बीजेपी और शिंदे गुट के रिश्ते खटाई में हैं?
शिवाजी महाराज पर विवादित बयान को लेकर शिंदे खेमे के ही विधायक ने भी अब महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के ख़िलाफ़ बोला है। जानिए उन्होंने क्या कहा।
इस साल जून में शिवसेना में बड़ी बगावत हुई थी और शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। उसके बाद से कई विधायक, सांसद और शिवसैनिक एकनाथ शिंदे गुट के साथ आ गए हैं।
महाराष्ट्र के प्रोजेक्ट्स गुजरात ले जाने का मुद्दा क्या प्रदेश में नया राजनीतिक ध्रुवीकरण खड़ा करेगा ? क्या यह मुद्दा कोई सियासी रंग दिखा पायेगा ? या यूं कह लें कि क्या यह मुद्दा भारतीय जनता पार्टी द्वारा जोड़ तोड़ कर बनाये गए नए सत्ता समीकरण के लिए नयी चुनौती साबित होगा ? संजय राय ने इन्हीं सवालों को उठाया है।
महाराष्ट्र में अब सरकार को किसी मामले की जाँच के लिए राज्य सरकार से पहले सहमति लेने की ज़रूरत नहीं होगी। आख़िर ऐसा क्यों? क्या एकनाथ शिंदे सरकार के फ़ैसले से उद्धव ठाकरे खेमे सहित विपक्ष के लिए मुश्किल होगी?
क्या चुनाव आयोग ने शिंदे गुट की मदद की? क्या उसने उसे ये बता दिया था कि उद्धव ठाकरे ने कौन से चुनाव चिन्ह माँगे हैं? क्या चुनाव आयोग से मिली जानकारी के आधार पर ही शिंदे ने उद्धव से मिलते-जुलते चुनाव चिन्ह माँगे? क्या पार्टी के नाम के बारे में भी चुनाव आयोग ने इसी तरह पक्षपात किया?
शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न पर चुनाव आयोग की रोक के बाद पार्टी के मुखपत्र सामना ने एक संपादकीय छापा है। जानिए इसने इसमें शिंदे को लेकर क्या-क्या लिखा। पढ़िए, सामना का पूरा संपादकीय-
उद्धव ठाकरे ने चुनाव चिह्न और पार्टी के नाम पर रोक लगने के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे पर पहली बार तीखा हमला बोला है। ठाकरे ने कहा कि बीजेपी शिंदे का इस्तेमाल सिर्फ शिवसेना को खत्म करने के लिए कर रही है। लेकिन यही बीजेपी एक दिन शिंदे को निकाल बाहर फेंकेगी।
शिवसेना में दोनों खेमों के बीच संघर्ष के बीच उपचुनाव के लिए उद्धव ठाकरे खेमे ने पार्टी के नये नाम और चुनाव चिह्न तय कर लिया है। जानिए, इसने चुनाव चिह्न के लिए क्या पसंद किया है।
चुनाव आयोग के एक फ़ैसले से किस खेमे को तगड़ा झटका लगा है? जानिए, चुनाव आयोग के फ़ैसले का शिंदे खेमे ने स्वागत क्यों किया और उद्धव खेमे ने नाराज़गी क्यों जताई।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे ने अब उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर क्यों कहा कि उनके बयान से शिंदे का परिवार रो पड़ा? आख़िर उद्धव ने ऐसा क्या कहा था? जानिए उन्होंने चिट्ठी में क्या लिखा।