महाराष्ट्र में चल रही सियासी लड़ाई अब शीर्ष अदालत तक पहुंच गई है। इसके साथ ही यह लड़ाई विधानसभा और सड़कों पर भी लड़ी जा रही है। इस लड़ाई में आगे क्या होगा?
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है। शिंदे गुट के बीस बागी विधायकों ने उद्धव ठाकरे से संपर्क किया है और लौटने की इच्छा जताई है। ये सभी विधायक बीजेपी में विलय के खिलाफ हैं।
महाराष्ट्र के बागी विधायकों के परिवार को केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ की सुरक्षा दे दी है। यह सुरक्षा कानून व्यवस्था के नाम पर दी गई है। हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि किसी भी विधायक की सुरक्षा वापस नहीं ली गई है।
क्या शिवसेना में बागियों की लड़ाई लंबी खिंचेगी या फिर बागी जल्द ही कुछ बड़ा क़दम उठाएँगे? आख़िर उद्धव ठाकरे के वफादार राउत ने अब बागियों को क्यों ललकारा?
महाराष्ट्र में बागी गुट और शिवसेना अपनी अपनी चाल चलने में व्यस्त हैं। विधानसभा सचिवालय ने जैसे ही 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए महाधिवक्ता को राय देने के लिए बुलाया, वैसे ही बागी विधायकों ने सूत्रों से खबर चलवाई कि वे डिप्टी स्पीकर को हटाने के खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैं। उद्धव की सरकार फिलहाल बची हुई है। शनिवार का घटनाक्रम महत्वपूर्ण होगा।
महाराष्ट्र में सत्ता का संघर्ष अब सड़क पर उतरने जा रहा है .विधायकों को लेकर असम के पांच सितारा होटल में रुके शिंदे क्या सड़क की लड़ाई जीत पाएंगे ?आज की जनादेश चर्चा .
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। उद्धव : एकनाथ के लिए सब कुछ किया, अपना विभाग तक दिया था । मेरी फोटो लगाए बगैर अपने इलाके में घूमकर देखें बागी विधायक: उद्धव ।
एकनाथ शिंदे ने हौसला तो दिखा दिया लेकिन अब क्या होगा? उनके पास विधायक हैं तो फिर देर किस बात की? शिवसेना कभी नर्म कभी गर्म क्यों? बीजेपी शिंदे का साथ कहां तक देगी? कहीं ऐसा तो नहीं कि यह बगावत राजनीतिक शहादत में बदल जाए? आलोक जोशी के साथ संदीप सोनवलकर, विनोद अग्निहोत्री, विनोद यादव और सोमदत्त शर्मा।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना नेता अर्जुन खोतकर की संपत्ति और जमीन कुर्क की। अर्जुन खोतकर सीएम उद्धव ठाकरे के खास लोगों में हैं।