चुनाव मैदान से लेकर टीवी चैनलों पर यह बहस चल रही है कि प्रधानमंत्री नीच हैं या नीची जाति के हैं, पर क़ायदे से यह बहस होनी चाहिए थी कि क्या देश आर्थिक मंदी की चपेट में आ चुका है या आने वाला है।
मोदी की वापसी होगी या दूसरी सरकार बनेगी, इन बातों में मगन आम लोगों के लिए यह ख़तरे की घंटी है कि आपकी जेब के लिए ख़तरे वाले दिन आने वाले हैं। अर्थव्यवस्था के लिए संकट निकट है।