वीरेंद्र नारायण का आधुनिक हिंदी और भारतीय रंगमंच के क्षेत्र में उनका एक बड़ा योगदान था। जानिए, उनकी जन्मशती पर रवींद्र त्रिपाठी उनको कैसे याद करते हैं।
पिछले हफ्ते राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रथम वर्ष के छात्रों ने अभिमंच सभागार में असम की `अंकिया भावना’ रंग परंपरा का प्रशिक्षण पाने के बाद `राम विजय’ नाटक का मंचन किया।
मामला धीरे-धीरे पूरे हिमालय क्षेत्र को बचाने का होता जा रहा है। इसलिए रंगमंच और नाटक जैसे सांस्कृतिक कर्म की जिम्मेदारी भी बनती है। पढ़िए, `जंगल में बाघ नाचा’ के नाट्य मंचन में प्रकृति को कैसे दिखाया गया।
पिछले दिनों राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के रंगमंडल ने देवेंद्र राज अंकुर के निर्दशन में धर्मवीर भारती की कहानी `बंद गली का आखिरी मकान’ का मंचन किया। पढ़िए इस नाट्य मंचन की समीक्षा।
पिछले हफ्ते इंडिया हैबिटेट सेंटर में खेला गया नाटक `चाय कहानी’ एक अभिनव प्रयोग था। अटेलियर नाट्य मंडली के कुलजीत सिंह और मानसी ग्रोवर के निर्देशन में नाटक का मंचन हुआ। पढ़िए समीक्षा।
इरशाद खान सिकंदर का एक नया नाटक भी रंगमंच पर आ चुका है जिसका नाम है `ठेके पर मुशायरा।‘ इसे युवा रंगकर्मी दिलीप गुप्ता ने निर्देशित किया है। पढ़िए, इसकी समीक्षा।
शेक्सपीयर के ओथेलो में राज सत्ता पर क़ब्ज़ा के लिए साज़िश और षड्यंत्र चलते हैं, जिसमें प्यार भी है, ईर्ष्या भी है, धोखा भी है और हत्या भी है। जानिए, भारतीय रचना "शैडो ऑफ ओथेलो" में क्या है।