इस पर शोध होना चाहिए कि क्या कोरोना रोगियों के शरीर में कीटनाशक का इंजेक्शन लगा संक्रमण दूर किया जा सकता है? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के इस बयान पर भूचाल मचा हुआ है।
चीन आजकल हमारी ख़बरों के केंद्र में है। दरअसल, यह अमेरिकी ख़बरों के केंद्र में है और हमारे यहाँ उसकी कॉपी हो रही है। अमेरिका में यह चुनावी साल है और पश्चिम के लिये मौजूदा विलेन चीन है! हांगकांग में बैठे समर अनार्य से यह प्रसंग डिकोड करा रहे हैं शीतल पी सिंह।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मार्च से ही लॉकडाउन हटाने का हट कर रहे थे, मगर मेडिकल एक्सपर्ट ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया। लेकिन अब वे किसी की सुनने को तैयार नहीं हैं और लॉकडाउन हटाने का फ़ैसला थोपने पर आमादा हैं। लगता है अपने चुनाव का डर उन पर इतना हावी हो गंया है कि वे अब अमरीकियों की जानों की चिंता नहीं कर रहे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ को अमेरिका से दी जानी वाली फंडिंग रोक दी है। ट्रंप ने कोरोना वायरस के पूरे मामले में डब्ल्यूएचओ के रवैये को लेकर यह क़दम उठाया है।
फ़्रान्स की एक रिसर्च इंस्टीट्यूट ने प्रारम्भिक शोध में पाया है कि मलेरियाकी दवा कोरोना में भी कारगर है। ब्रिटेन के विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक जैनर और विकास मल्लिक से शैलेश की बातचीत में खुला राज।
WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को तगड़ी फटकार लगाई है। WHO के प्रमुख ने बेहद कड़े शब्दों में ट्रंप को कहा है कि यदि वह बैग में भरे हुए और अधिक लाशें नहीं चाहते हैं तो कोरोना पर राजनीति करना बंद कर दें। Satya Hindi News
अमेरिका करोना संकट में बुरी तरह फँस गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों के कारण अंतरराष्ट्रीय जगत में भी वह खलनायक बनता जा रहा है। ऐसे में चीन के लिए दुनिया की लीडरशिप हासिल करने का अच्छा मौक़ा है और वह इसका इस्तेमाल भी कर रहा है। वह तमाम देशों की मदद कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे उपायों म़े कोआर्डिनेशन भी। देखिए मुकेश कुमार का विश्लेषण।
ब्रिटेन से छपने वाले अख़बार ‘द इंडिपेंडेंट’ के अनुसार, दो अप्रैल को एक ख़बर छपी कि चीन से फ्रांस जा रहा मास्क का एक कनसाइनमेंट बीच में ही गायब हो गया और अमेरिका पहुँच गया।
एक बात तो तय है कि डोनाल्ड ट्रंप ख़ुद के फ़ायदे और 'पहले अमेरिका' की नीति के लिए कुछ भी कर सकते हैं। भारत के साथ भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया। पहले धमकी दी थी, अब तारीफ़ कर रहे हैं।
ट्रंप के पास क्लोरोक्वीन का भंडार है! फिर वो भारत को धमकी क्यों दे रहे हैं? क्या अमेरिका को भारत की परवाह नहीं है? क्या मोदी सरकार को अमेरिका को क्लोरोक्वीन देना चाहिये? देखिए आशुतोष की बात।