अमेरिका में ट्रंप की हार और बाइडन की जीत में भारत के लिये क्या कोई संदेश है? क्या अमेरिका पर से संकट टल गया है? आशुतोष की प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल से बातचीत।
अमेरिका में जाकर 'अबकी बार ट्रंप सरकार' का नारा लगाने वाले भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन की जीत पर बधाई दी है और उम्मीद जताई है कि भारत-अमेरिका संबंध नई ऊँचाइयों पर पहुँचेंगे।
जो बाइडन ने चुनाव जीत लिया, राष्ट्रपति बन जाएंगे, पर क्या वह देश चला पाएंगे, क्या रिपब्लिकन पार्टी उन्हें काम करने देगी या हर बात में उनका विरोध करेगी क्योंकि सेनेट में उसका बहुमत है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। झूठ पर झूठ बोले जा रहे थे ट्रंप, चैनलों ने प्रसारण रोक दिया।ग्रेटा ने ट्रंप पर उन्हीं के शब्दों में कस दिया तंज
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप अमेरिकी चुनाव नतीजों पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर रहे थे। कई अमेरिकी टीवी चैनलों ने बीच में ही उनके प्रसारण को यह कहते हुए रोक दिया कि वह 'झूठ' बोल रहे थे।
अमेरिकी चुनाव में किसकी जीत भारतीयों के लिए ज़्यादा फ़ायदेमंद होगी- डोनल्ड ट्रंप की या फिर जो बाइडन की? और इनमें से किससे भारत को ज़्यादा नुक़सान होगा?
ऐसे समय जब अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेट उम्मीदवारों के बीच काँटे की टक्कर चल रही है और दोनों के बीच कई राज्यों में बहुत ही कम वोटों का अंतर है, देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
अमेरिकी चुनाव पर पूरे विश्व में ख़ास तौर पर बुद्धिजीवी और लिबरल लोगों को यक़ीन था कि इस बार बहुत बड़े अंतर से ट्रंप की विदाई होगी। लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। आख़िर क्या है ट्रंप का जादू और क्यों हैं इतने लोकप्रिय?
ऐसे समय जब रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप डोमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन से लगभग 40 सीटों से पीछे चल रहे हैं और उनका जीतना बेहद मुश्किल हो चुका है, उनकी प्रचार टीम ने पेनसिलविनिया, मिशिगन और विस्कॉन्सिन में अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
अमेरिका के ऐतिहासिक और रोमांचक राष्ट्रपति चुनाव में वही हो रहा है जिसका डर था। चुनाव के दिन और उससे पहले हुए भारी मतदान के कारण काँटे की टक्कर वाले पाँच बड़े राज्यों में मतगणना पूरी करने में समय लग रहा है।
अमेरिका में चल रहे 59वें राष्ट्रपति चुनाव ने देश की दो बड़ी कमज़ोरियों को उजागर किया है। पहली यह कि अमेरिका दलगत राजनीति और संकीर्ण विचारधाराओं के आधार पर कितना बँटा हुआ है। दूसरी यह कि राष्ट्रपति चुनाव प्रणाली में कितनी बड़ी ख़ामियाँ हैं।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के अब बस कुछ घंटे ही रह गए हैं। अटकले तेज़ है कि कौन चुनाव जीतेगा। साथ ही एक सवाल उभर कर सामने आ रहा है कि अगर ट्रंप चुनाव हार गये तो क्या वो पूरी शालीनता से पद छोड देंगे?