एक तरफ़ जहाँ प्रधानमंत्री मोदी नये संसद भवन का उद्घाटन करते हुए भारत को लोकतंत्र की जननी बता रहे थे वहीं महिला पहलवानों पर पुलिस कार्रवाई कर रही थी। जानिए, लोगों ने लोकतंत्र को लेकर क्या-क्या टिप्पणी की।
विपक्षी दलों के बहिष्कार के बीच नये संसद भवन का उद्घाटन हो गया। धार्मिक मंत्रोच्चार के बीच हुए उद्घाटन के बाद जानिए प्रधानमंत्री मोदी ने नयी लोकसभा में दिए अपने पहले भाषण में क्या कहा।
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को नहीं बुलाए जाने को लेकर विवाद बढ़ रहा है। पीएम मोदी विवाद के केंद्र में हैं। पत्रकार पंकज श्रीवास्तव के उद्गार सुनिएः
बीजेपी की आलोचना करने और लोकतंत्र को लेकर टिप्पणी करने वाले कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के लेख पर बीजेपी ने हमला किया है। जानिए क़ानून मंत्री ने क्या कहा।
मीडिया की स्वतंत्रता के बिना क्या किसी भी देश में लोकतंत्र की कल्पना की जा सकती है? यदि वह लोकतंत्र कहा भी जाए तो क्या उसकी जीवंतता बनी रह सकती है? जानिए सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने क्या कहा।
भारत क्या लोकतंत्र के पैमाने पर फिर से पिछड़ता जा रहा है और ऑटोक्रेसी यानी निरंकुशता की ओर बढ़ता जा रहा है? जानिए स्वीडन की वी- डेम रिपोर्ट में भारत को लेकर क्या कहा गया है।
आज गणतंत्र दिवस है। आज भारतीय लोकतंत्र पर गर्व करने का दिन है लेकिन भारत के लोकतंत्र की मौजूदा स्थिति क्या है? इस पर जरा नजर डालिए। वरिष्ठ पत्रकार और सत्य हिन्दी के संपादक आशुतोष ने भारतीय लोकतंत्र के हालात पर तीखी नज़र डाली है। पढ़िएः
लोकतंत्र के लिए सबसे ज़रूरी क्या है? क्या सत्ता को बेलगाम छोड़ा जा सकता है और आलोचनाओं पर पाबंदी लगाई जा सकती है? जानिए, सीजेआई एनवी रमना क्या कहते हैं।
झूठे आरोपों में गिरफ़्तारी और विपक्षी सरकारों को हड़पना क्या कहता है? उदयपुर में हुई नृशंस हत्या के पाकिस्तान और बीजेपी के साथ रिश्तों के क्या मायने हैं? क्या लोकतंत्र विदा हो रहा है और तानाशाही आ रही है? जाने-माने लेखक और भारत में एमनेस्टी के प्रमुख रह चुके आकार पटेल से बातचीत-
इज़राइली कम्पनी एनएसओ द्वारा विकसित साफ़्टवेयर पेगासस को वहाँ की सरकार ने ‘युद्ध के हथियार’ के रूप में घोषित कर रखा है। इससे भारत में जासूसी कराए जाने के आरोप क्यों लग रहे हैं।
इज़रायल में निर्मित जासूसी करने वाले पेगासस सॉफ़्टवेयर या स्पाईवेयर की मदद से आतंकवाद और आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण के नाम पर नागरिक समाज के भी कुछ चिन्हित किए गए सदस्यों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल को भी इसी नज़रिए से देखा जा सकता है।