दिल्ली हिंसा ने पूरे देश को झकझोर दिया है। और यह शायद जिन्हें नहीं झकझोर पायी है उनको सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी ज़रूर झकझोर देगी! अदालत ने कहा है कि अमेरिका में नेताओं को भड़काऊ बयान देने के कारण गिरफ़्तार कर लिया जाता है।
दिल्ली हिंसा और इस पर पुलिस के रवैये पर हाई कोर्ट ने सख्त नाराज़गी जताई है। हाई कोर्ट ने तो यहाँ तक कह दिया कि हम इस देश में एक और 1984 नहीं होने देंगे।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने दिल्ली हिंसा को हतप्रभ करने वाला दुर्भाग्यपूण क़रार देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफ़े की माँग की है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने हिंसा पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। इसने कहा है कि अदालत में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहें। कोर्ट का यह फ़ैसला उस एक याचिका पर आया है जो उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा से जुड़ी है।
दिल्ली हिंसा में एक पुलिसकर्मी सहित 18 लोगों की मौत और 250 से ज़्यादा लोगों के घायल होने के बाद अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को स्थिति काबू में करने की ज़िम्मेदारी दी गई है।
दिल्ली हिंसा के विरोध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर प्रदर्शन कर रहे जामिया के छात्रों को हटाने के लिए बुधवार सुबह वाटर कैनन यानी पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिंसा पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की नींद तीन दिन बाद अब खुली है। वह भी आधी रात को। या यूँ कहें कि वह अब होश में आए हैं। वह भी तब जब यह हिंसा पूरी तरह बेकाबू हो गई।
दिल्ली के जाफराबाद-मौजपुर में हिंसा क्यों नहीं रुक रही है? वह भी तब जब गृह मंत्री अमित शाह ख़ुद जुटे। देर रात को बैठक ली और फिर दोपहर में भी। इसके बावजूद पथराव और आगजनी क्यों जारी है? क्या गृह मंत्री विफल साबित हो रहे हैं? देखिए शैलेश की रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी और मुकेश कुमार की चर्चा।
जाफराबाद-मौजपुर हिंसा के लिए ज़िम्मेदार कौन है? हिंसा में कम से कम सात लोगों की मौत हो चुकी है और क़रीब 100 लोग घायल हो गए हैं। अभी भी हिंसा रुकी नहीं है। आख़िर किसने भड़काई हिंसा? देखिए शैलेश की रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी के साथ चर्चा।
दिल्ली हिंसा में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के 'भड़काऊ भाषण' को लेकर बीजेपी के ही नेता गौतम गंभीर ने आलोचना की है। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा है कि ऐसे नेता के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
दिल्ली में हिंसा से निपटने के लिए गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली के लेफ़्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल के साथ उच्चस्तरीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वे साथ मिलकर दिल्ली में शांति बहाल करेंगे।
नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ जाफराबाद में शांतिपूर्वक प्रदर्शन में आख़िर ऐसा क्या हो गया कि इतने बड़े स्तर पर हिंसा हो गई और एक पुलिसकर्मी सहित पाँच लोगों की मौत हो गई? इस हिंसा से पहले वहाँ क्या-क्या हुआ और इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है?