क्या दिल्ली पुलिस अपना काम ठीक से करती तो दिल्ली दंगा हो पाता? बिल्कुल नहीं। अब जो रिपोर्टें आ रही हैं वे सभी इसके सबूत हैं। अब रिपोर्ट आई है कि मदद के लिए या दंगा रोकने के लिए चार दिन में 13 हज़ार से ज़्यादा फ़ोन कॉल पुलिस को किया गया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने हिंसा पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। इसने कहा है कि अदालत में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहें। कोर्ट का यह फ़ैसला उस एक याचिका पर आया है जो उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा से जुड़ी है।
क्या दिल्ली पुलिस ग़ैरक़ानूनी हथियार रखने और गोली चलाने के अभियुक्त को जानबूझ कर बचा रही है? क्या पुलिस इस अभियुक्त को बचाने के लिए उसे नाबालिग़ बता रही है?
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के जिस 'देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को' नारे को हत्या के लिए उकसाने वाला बताया गया उसी नारे के साथ प्रदर्शन को अब दिल्ली पुलिस ने अनुमति दे दी है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस-वकील मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस की अर्जी खारिज कर दी है। अदालत ने यह भी कहा है कि रविवार को पुलिस जवानों के ख़िलाफ़ दायर दो प्राथमिकियों पर कार्रवाई नहीं होगी।
वकीलों के साथ झड़प और मारपीट के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस के जवानों ने प्रदर्शन किया। 70 साल में पहली बार दिल्ली में पुलिस ने हड़ताल की। लेकिन गृह मंत्रालय क्या कर रहा है? सरकार की ओर से प्रतिक्रिया क्यों नहीं आ रही है? सत्य हिंदी पर देखिए 'शीतल के सवाल'।
बिहार पुलिस एसोसिएशन ने दिल्ली पुलिस के आंदोलन को समर्थन दिया है। दिल्ली पुलिस के कई आला अफ़सरों ने इसका समर्थन किया है। सैकड़ों की तादाद में पुलिस वालों और उनके परिजनों ने धरना दिया।