क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कुर्सी ख़तरे में है और वह अब जेल से सरकार नहीं चला सकते हैं? जानिए, हाईकोर्ट में किस आधार पर यह मांग की गई है।
दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में आज यानी बुधवार को सुनवाई होगी। ईडी ने उन्हें बीते 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। निचली अदालत ने उन्हें 28 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। अपनी संभावित गिरफ्तारी के मद्देनजर केजरीवाल ने गुरुवार को ही एक नई याचिका दायर कर छूट मांगी थी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल की गिरफ्तारी का खतरा बढ़ गया है।
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के लगातार भेजे जा रहे समन के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हाईकोर्ट चले गए हैं। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में ईडी के भेजे सभी समन को चुनौती दी है। उनकी याचिका पर आज यानी 20 मार्च को सुनवाई होगी।
समाचार वेबसाइट न्यूजक्लिक केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को यूएपीए मामले में वेबसाइट के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती की याचिका खारिज कर दी है।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी दलों द्वारा अपने गठबंधन का नाम I.N.D.I.A. रखने पर दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। जानिए हाई कोर्ट ने क्या कहा है।
प्रधानमंत्री मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से क्या भारत और न्यायपालिका सहित पूरे सिस्टम की बदनामी हुई है? जानिए, आख़िर हाई कोर्ट में किस आधार पर मानहानि का दावा किया गया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि हर बच्चा सम्मान और आदर के साथ व्यवहार पाने का हकदार है। जानिए, आराध्या बच्चन के मामले में यू-ट्यूब चैनलों को क्या निर्देश दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस
स्वर्ण कांत शर्मा की सिंगल बैंच साल 1992 में केरल में हुए सिस्टर अभया की हत्या के लिए दोषी सिस्टर सेफी के वर्जिनिटी टेस्ट को असंवैधानिक करार दिया और कहा कि हिरासत
में भी किसी व्यक्ति की मूल गरिमा को बरकरार रखा जाना चाहिए।
भारी क़र्ज़ तले दबीं राज्य सरकारें आख़िर पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू क्यों कर रही हैं? हज़ारों करोड़ का और बोझ पड़ने से क्या राज्य कंगाल होने की स्थिति में नहीं पहुँचेंगे? छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बाद अब हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के क्या मायने हैं?