अब चुनाव प्रचार में सिर्फ़ पाँच दिन बचे हैं और अभी तक राहुल गाँधी के दिल्ली चुनाव में प्रचार अभियान के बारे में अनिश्चितता बनी हुई है। हालाँकि बीजेपी ने आज योगी आदित्यनाथ को तीन दिन तक लगातार चुनाव सभाएँ करने के लिए उतार दिया है। देखिए 'दिल्ली किसकी' में कांग्रेस की हालत पर शीतल पी सिंह का विश्लेषण।
दिल्ली में कुल 70 में से 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। अपने जन्म से ही 2013 के पहले चुनाव में ही 'आप' ने इन पर झंडा गाड़ दिया था और 2015 में तो उसने इन सारी सीटों को बहुत बड़े अंतर से जीता था। इस बार क्या हो सकता है, 'दिल्ली किसकी' में बता रहे हैं शीतल पी सिंह।
हिंदी के वरिष्ठ पत्रकारों की राय में बीजेपी दिल्ली के चुनाव में हार की ओर है और इस पराजय से बचने के लिए किसी भी किस्म की मर्यादा के पालन को वह तैयार नहीं है। चुनाव आयोग 'केंचुआ' साबित हुआ है और प्रशासनिक संस्थाएँ नाकारा। देखिए शीतल पी सिंह की वरिष्ठ पत्रकारों- शैलैश, उर्मिलेश, आशुतोष, मुकेश कुमार और वीरेंद्र सेंगर की चर्चा।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण देने के मामले में चुनाव आयोग ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है।
बताया जाता है कि पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को आतंकवादी कहा। इस पर आम आदमी पार्टी ने उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने की मांग की है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में शाहीन बाग़ को लेकर आ रहे बीजेपी नेताओं के बयानों से अब यह साफ़ हो गया है कि पार्टी मतदान की तारीख़ तक इसी मुद्दे पर चुनाव प्रचार करेगी।
दिल्ली में 5 सीटें ऐसी है जो मुसलिम बाहुल्य हैं।पहले इनपर कांग्रेस का कब्ज़ा रहता था पर पिछले चुनाव में उलट फेर हो गया। आम आदमी पार्टी ने इन 5 में से 4 सीटें जीती और बीजेपी ने 1 सीट, कांग्रेस सारी सीटें हार गयी। इस चुनाव में मुसलमान किस ओर जाएँगे, इसका विश्लेषण कर रहे हैं शीतल पी सिंह।
चुनाव आयोग ने आपत्तिजनक बयान देने वाले बीजेपी नेता व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सांसद प्रवेश वर्मा को पार्टी के स्टार कैंपेनरों की सूची से हटाने के आदेश दिए हैं।
2015 में बीजेपी कुल 70 सीटों में से 3 सीटें ही जीत पाई थी और कांग्रेस शून्य पर थी। सत्य हिंदी के लिए शैलेंद्र ने इन क्षेत्रों में कई दिनों तक मतदाताओं की नब्ज़ टटोली। उनकी फ़ील्ड रिपोर्ट पर आधारित शीतल पी सिंह का विश्लेषण देखिए 'दिल्ली किसकी' में।
दिल्ली चुनाव में एक हफ़्ते का समय बाक़ी है। बीजेपी साम्प्रदायिक एजेंडे पर क्यों उतर आई है? शाहीन बाग़ को चुनावी मुद्दा क्यों बना रही है? बीजेपी नेता क्यों आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं? ऐसा क्यों हो रहा है? क्या केजरीवाल के विकास के चुनावी मुद्दे से बीजेपी का निपटना मुश्किल हो रहा है? देखिए आशुतोष की बात।
दिल्ली में सातवीं बार विधानसभा के गठन के लिए चुनाव हो रहे हैं। बीजेपी एक बार, कांग्रेस तीन बार और आप दो बार दिल्ली की गद्दी पर बैठ चुकी हैं। केजरीवाल अपने काम पर और बीजेपी शाहीन बाग़ के ख़िलाफ़ वोट माँग रही है। देखिए दिल्ली का मूड, शीतल पी सिंह की विशेष रिपोर्ट 'दिल्ली किसकी' में।