8 फ़रवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए मुसलिम वोटर कैसे बदल सकते हैं चुनावी नतीजे? अरविंद केजरीवाल अकेले ही कमान संभाले हुए हैं और बीजेपी की पूरी फौज।
मित शाह को लगता है कि बीजेपी दिल्ली की 70 में से 45 सीटें जीतने जा रही है। उन्हें लगता है कि सांगठनिक कमज़ोरी के चलते और पिछली बार की तरह देश व्यापी कार्यकर्ताओं के इस बार दिल्ली न पहुँचने के चलते आप बीजेपी की सामर्थ्य का मुक़ाबला नहीं कर पाएगी। देखिए 'दिल्ली किसकी' में शीतल पी सिंह का विश्लेषण।
अरविंद केजरीवाल हनुमान भक्त क्यों बन गए? वह हनुमान चालीसा क्यों पढ़ रहे हैं या इस पर ज़ोर दे रहे हैं? क्या वह देश की साम्प्रदायिक राजनीति में कूद कर साम्प्रदायिक हो रहे हैं या फिर वह बीजेपी के हिंदुत्व की काट में अपने आप को हिंदू नेता के तौर पर पेश कर रहे हैं? देखिए सत्य हिंदी पर आशुतोष की बात।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली चुनाव की एक रैली में फिर से विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि एक दिन ओवैसी भी हनुमान चालीसा पाठ पढ़ता दिखेगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने पिछले वादे पूरे किये हैं और वह आगे भी अपने वादों को पूरा करेगी।
अपूर्ण राज्य दिल्ली में बीजेपी ने इतनी ताक़त झोंक दी है जितनी उसने कई पूर्ण राज्यों में भी नहीं झोंकी थी। हार के डर से रजाई में घुस गए समर्थक और कार्यकर्ताओं को बाहर निकालकर सड़क पर दौड़ा दिया गया है। बीजेपी के सारे सांसद-मंत्री, मुख्यमंत्री दिल्ली की गलियाँ छान रहे हैं। देखिए 'दिल्ली किसकी' एपिसोड-7 में शीतल पी सिंह का विश्लेषण।
दिल्ली के चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी कूद पड़े हैं। प्रधानमंत्री ने जो कुछ कहा, क्या उससे यह नहीं पता चलता कि शाहीन बाग़ के नाम पर पिछले 10 दिन से नफ़रत फैलाने का खेल चल रहा है? प्रधानमंत्री अपने इस बयान से बीजेपी को जिताएँगे या हराएँगे? यदि हराएँगे तो उनके निशाने पर कौन है? देखिए आशुतोष की बात।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली के चुनाव प्रचार में 'गोली' की बात क्यों कर रहे हैं? वह क्यों कह रहे हैं कि अब बिरयानी नहीं गोली खिलाएँगे? क्या वह बिरयानी को किसी ख़ास धर्म से जोड़कर ध्रुवीकरण नहीं कर रहे हैं? देखिए वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी को, योगी क्यों कर रहे हैं ऐसा।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में प्रचार करने उतरे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयानों को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) बेहद नाराज है।
दिल्ली में प्रचार जोरों पर है। आम आदमी पार्टी (आप) और बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार में पूरी ताक़त झोंक दी है जबकि कांग्रेस प्रचार में काफ़ी पीछे दिख रही है।