दिल्ली के चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी कूद पड़े हैं। प्रधानमंत्री ने जो कुछ कहा, क्या उससे यह नहीं पता चलता कि शाहीन बाग़ के नाम पर पिछले 10 दिन से नफ़रत फैलाने का खेल चल रहा है? प्रधानमंत्री अपने इस बयान से बीजेपी को जिताएँगे या हराएँगे? यदि हराएँगे तो उनके निशाने पर कौन है? देखिए आशुतोष की बात।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली के चुनाव प्रचार में 'गोली' की बात क्यों कर रहे हैं? वह क्यों कह रहे हैं कि अब बिरयानी नहीं गोली खिलाएँगे? क्या वह बिरयानी को किसी ख़ास धर्म से जोड़कर ध्रुवीकरण नहीं कर रहे हैं? देखिए वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी को, योगी क्यों कर रहे हैं ऐसा।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में प्रचार करने उतरे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयानों को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) बेहद नाराज है।
दिल्ली में प्रचार जोरों पर है। आम आदमी पार्टी (आप) और बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार में पूरी ताक़त झोंक दी है जबकि कांग्रेस प्रचार में काफ़ी पीछे दिख रही है।
अब चुनाव प्रचार में सिर्फ़ पाँच दिन बचे हैं और अभी तक राहुल गाँधी के दिल्ली चुनाव में प्रचार अभियान के बारे में अनिश्चितता बनी हुई है। हालाँकि बीजेपी ने आज योगी आदित्यनाथ को तीन दिन तक लगातार चुनाव सभाएँ करने के लिए उतार दिया है। देखिए 'दिल्ली किसकी' में कांग्रेस की हालत पर शीतल पी सिंह का विश्लेषण।
कांग्रेस को दिल्ली में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से गठबंधन के लिए मजबूर होना पड़ा है तो बीजेपी को भी अपने तमाम सहयोगियों के दबाव के आगे झुकना पड़ रहा है।
दिल्ली जीतने के लिए ‘आप’, बीजेपी और कांग्रेस ने पूरी ताक़त झोंक दी है। लेकिन मुख्य मुक़ाबला ‘आप’ और बीजेपी के बीच माना जा रहा है और कांग्रेस के लिए यह वजूद की लड़ाई है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने पूरा जोर लगा दिया है। पार्टी ने दिल्ली में जीत के लिए ‘मेगा प्लान’ बनाया है और उसने छोटी-बड़ी कई सभाएं करने की योजना बनाई है।
लगातार 15 साल तक दिल्ली की सत्ता पर राज करने वाली कांग्रेस की स्थिति इस कदर ख़राब हो चुकी है उसे दिल्ली में राष्ट्रीय जनता दल से गठबंधन करके चुनाव लड़ना पड़ रहा है।
बीजेपी मोदी, शाह सहित अपने अन्य वरिष्ठ नेताओं को तो चुनाव मैदान में उतारेगी ही, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी अपने स्वयंसेवकों को बीजेपी के समर्थन में मैदान में उतारने जा रहा है।
दिल्ली में अपना सियासी वनवास ख़त्म करने के लिए बीजेपी ने पूरा जोर लगा दिया है। पार्टी ने मोदी, शाह के अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति बनाई है।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी को अपनी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और शिरोमणि अकाली दल गठबंधन के साथ सीटों के बंटवारे में मुश्किल पेश आ रही है।