परिजनों ने शुरुआत में दोनों बहनों का अंतिम संस्कार करने से इनकार किया। लेकिन बाद में प्रशासन के द्वारा वित्तीय सहायता दिए जाने और कार्रवाई करने की मांग माने जाने के बाद वे अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए।
क़ानून व्यवस्था दुरुस्त होने का दम भरने वाले यूपी में आज एक भयावह घटना सामने आई है। लखीमपुर खीरी के निघासन में एक पेड़ में फंदे से लटकी हुई दो नाबालिग बहनों की लाशें मिली हैं।
मध्य प्रदेश में दलित किशोरी के साथ एक शर्मनाक घटना हुई। किशोरी जब रेप का केस दर्ज कराने थाने पहुँची तो उसी की कथित तौर पर पिटाई कर दी गई। जानिए क्या आरोप लगा।
क्या दलितों पर अत्याचार इस देश में ख़त्म होने में अभी भी दशकों लगेंगे? आख़िर मंदिरों के बाहर भी दलितों के खड़े होने पर उत्पीड़न की ख़बरें क्यों आती हैं?
राजस्थान के जालौर में दलित छात्र इंद्र कुमार मेघवाल की मौत का मामला पूरी तरह दबाने की कोशिश जारी है। राजस्थान सरकार ने एडीजीपी से जांच कराई, उन्होंने भी वही बाते कहीं, जो मीडिया का खास वर्ग कई दिनों से कह रहा था।
जालौर जाने से भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को दूसरे दिन भी रोक दिया गया। इस बीच दलितों का प्रदर्शन जारी है। जालौर में दलित छात्र के परिवार से मिलने नेताओं का आना जारी है।
राजस्थान के जालौर में दलित छात्र की मौत के सिलसिले में परिवार से मिलने जा रहे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को जोधपुर एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया। जालौर में कांग्रेस-बीजेपी नेताओं के जाने पर कोई रोक नहीं है लेकिन एक दलित नेता को जाने से रोक दिया गया।
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर शिक्षक के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। बारां नगर पालिका परिषद में कांग्रेस के 25 पार्षद हैं और इसमें से 12 पार्षदों के इस्तीफे को एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
राजस्थान के सरस्वती विद्या मंदिर में दलित छात्र की मौत पर लेखक भवंर मेघवंशी ने तमाम सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान में सवर्ण जातियों का पूरा ईकोसिस्टम इस मामले को दबाने में जुट गया है। हद तो यह है कि ये लोग ऐसी घटना होने से ही इनकार कर रहे हैं। तो क्या माना जाए कि उस दलित छात्र की मौत अपने आप हो गई।
देश में दलितों की हालत कैसी है और उनका उत्पीड़न किस हद तक होता है, यह राजस्थान के जालौर में पीट-पीटकर मार डाले गए दलित बच्चे की घटना से भी साफ़ होता है। मटका छूने के लिए ऐसी पिटाई!
हिंदुत्ववादी ताक़तें दलित बुद्धिजीवियों को निशाना क्यों बना रही हैं? प्रो. रतनलाल और प्रो. रविकांत पर हमले क्या कहते हैं? क्या हिंदुत्व के झंडाबरदार ब्राम्हणवादियों को दलितों का विरोध बर्दाश्त नहीं हो रहा है?
क्या यूपी में कुछ लोगों की सामंती मानसिकता अभी भी नहीं गई है? क्या दलितों का मानसिक उत्पीड़न कभी ख़त्म नहीं होगा? मुजफ्फरनगर में मुनादी किए जाने का मामला क्यों आया?
क्या दलितों का उत्पीड़न अभी भी यूपी सहित किसी भी राज्य में नहीं रुका है? आख़िर दलित होने की वजह से पैर चाटने के लिए मजबूर करने जैसा घिनौना काम कौन करवा सकता है?