अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट कहती है कि कॉउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च या सीएसआईआर ने अपने कर्मचारियों को कहा है कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे से लड़ने के लिए सोमवार को इस्त्री किए हुए कपड़े नहीं पहने।
सरकारी योजनाओं को कैसे हज़म किया जाता है यह रिपोर्ट वह दर्शाती है। क्यों इस देश में बड़ी बड़ी योजनाओं का फल आम लोगों तक नहीं पहुँचता, यह रिपोर्ट उसे भी दर्शाती है?