उत्तर प्रदेश के उन्नाव में खेत में मिली दो नाबालिग लड़कियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद राज्य की पुलिस ने कहा है कि उनके शरीर पर किसी भी तरह की चोट के निशान नहीं मिले हैं।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में खेत में मिली दो नाबालिग लड़कियों के शवों का पोस्टमार्टम किया गया है। पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक़, उनकी मौत ज़हर की वजह से हुई है।
उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में मंगलवार को देर शाम हुई एक पुलिसकर्मी की नृशंस हत्या और एक दारोग़ा को ख़ून से तरबतर कर दिए जाने की घटना ने लोगों को गत वर्ष कानपुर के बिकरू कांड की याद ताज़ा कर दी।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।अमेठी: दलित प्रधान के पति को जिंदा जलाया, मौत ।भोपाल में हुआ फ्रांस के ख़िलाफ़ भारी विरोध प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बात का दावा करते नहीं थकते कि प्रदेश में हर व्यक्ति सुरक्षित है। लेकिन दलितों पर हो रहे अत्याचार की तमाम घटनाएं उन्हें पूरी तरह झूठा साबित करती हैं।
उत्तर प्रदेश के गोंडा में तीन दलित बहनों पर एसिड हमला कर दिया। सवाल है कि आख़िर तमाम प्रयासों के बावजूद एसिड के हमले क्यों नहीं रुक रहे हैं? उत्तर प्रदेश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध क्यों कम नहीं हो रहे हैं?
झांसी से ख़बर है कि यहां नाबालिग युवती से बलात्कार हुआ है और अभियुक्तों ने लूटपाट कर उसके पैसे भी छीन लिए। पीड़िता के परिवार की ओर से एफ़आईआर दर्ज कराई गई है।
हाथरस मामले में 10 हज़ार नारीवादियों ने बयान जारी किया है। उन्होंने हाथरस गैंगरेप और हत्या की निंदा की है और इसके दोषियों, ज़िम्मेदार अफ़सरों पर कार्रवाई की माँग की है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं, दलितों, ग़रीबों पर अपराध बढ़ गया है।
पीएफ़आई यानी पॉपुलर फ़्रंट ऑफ़ इंडिया से कथित रूप से जुड़े एक पत्रकार और तीन अन्य लोगों को पुलिस ने मथुरा से देर रात को हिरासत में लिया है। पुलिस ने कहा है कि वे सभी दिल्ली से एक कार में हाथरस जा रहे थे।
हाथरस की घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। क्यों होती हैं इस तरह की घटनायें? क्यों दलित समाज है सवर्ण जातियों के निशाने पर? क्या है बर्बरता के असली कारण? दलित और सवर्ण समाज के बीच क्या बदल रहा है?