Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। स्वास्थ्य मंत्रालय : कोवैक्सीन बनाने में बछड़े के सीरम का इस्तेमाल । वैज्ञानिकों की सहमति के बिना खुराक के अंतराल को बढ़ाया सरकार ने? देखिए दिनभर की ख़बरें-
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कोविशील्ड वैक्सीन की खुराकों के बीच के अंतराल बढ़ाने पर फिर विवाद हो गया है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि बिना उनकी सहमति के ही सरकार ने कोविशील्ड की खुराकों के अंतराल को दोगुना कर दिया था। जानिए, सरकार ने किस आधार पर खारिज किया...
यूरोप सहित कुछ देशों में जहाँ अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन मिक्स कर और लगाकर ट्रायल किया जा रहा है वहाँ उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले में 20 लोगों को मिक्स वैक्सीन लापरवाही में लगा दी गई।
ब्रिटेन में एक शोध में यह सामने आया है कि ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी- एस्ट्राज़ेनेका और फाइज़र की वैक्सीन की दो खुराक भारत में मिले कोरोना वैरिएंट बी1.617.2 पर 80 फ़ीसदी से ज़्यादा कारगर है।
आईसीएमआर ने कहा है कि कोवैक्सीन की खुराक से शरीर में उतनी एंटी-बॉडी नहीं बनती है जितनी कोविशील्ड की। कोवैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद पर्याप्त मात्रा में एंटी-बॉडी बनती है जिससे कि शरीर कोरोना वायरस से लड़ सके।
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सरकार ने कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच की अवधि बढ़ा दी है। आखिर क्या है इसके पीछे की वजह? टीकाकरण पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को क्यों फटकारा? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण-
कोविशील्ड वैक्सीन की जो खुराकें शुरुआत में 4 हफ़्ते के अंतराल में लगाई जा रही थीं उसको 12-16 हफ़्ते बढ़ाने की सरकारी पैनल ने सिफ़ारिश की है। कोविशील्ड की खुराक लेने के अंतराल में बढ़ोतरी से सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
ऐसे समय जब पहले से तय कार्यक्रम के अलावा अब 18 से 44 साल की उम्र के लगभग 59 करोड़ लोगों को कोरोना टीका देने का अतिरिक्त बोझ देश पर आ चुका है, सीरम इंस्टीच्यूट के ने साफ कह दिया है कि जुलाई तक भारत में कोरोना टीके की किल्लत रहेगी।
कोरोना टीका कोवीशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ़ इंडिया के प्रमुख अदार पूनावाला सपरिवार भारत छोड़ कर लंदन चले गए हैं। उन्होंने वहाँ कहा है कि उन्हें टीके की आपूर्ति को लेकर धमकियाँ मिल रही थीं, वह ऐसी स्थिति में काम नहीं कर सकते, लिहाज़ा लंदन में हैं।
भारत में बनने वाला कोरोना टीका कोवीशील्ड विदेशों में भारत की तुलना में सस्ते में बिक रहा है। भारतीय कंपनी भारत को वही दवा ऊंची कीमत पर बेच रही है, लेकिन वही कंपनी वही दवा विदेशों को उससे कम कीमत पर निर्यात कर रही है।
सीरम इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन की क़ीमतों की घोषणा की है। इसने कहा है कि कोविशील्ड के प्रति डोज के लिए राज्यों को 400 रुपये और निजी अस्पतालों को 600 रुपये चुकाने होंगे।