भारत में दो कंपनियों की वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मिली और फिर दोनों कंपनियाँ आपस में उलझ गईं। दोनों तरफ़ से आरोप-प्रत्यारोप लगे। इसका नुक़सान क्या हो सकता था, यह भी उन कंपनियों के अब ताज़ा बयान से लगाया जा सकता है।
दक्षिण अफ्रीका में जो नये क़िस्म का कोरोना पाया गया है उसके बारे में वैज्ञानिकों को संदेह है कि मौजूदा वैक्सीन कारगर साबित नहीं होगी। ऐसे में क्या नये सिरे से वैक्सीन की ज़रूरत होगी?
पूरे इंग्लैंड में फिर से लॉकडाउन लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सोमवार को इसकी घोषणा की है। बुधवार से यह लागू हो जाएगा और फ़रवरी के मध्य तक रहेगा।
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की मंजूरी पर विवाद और बढ़ गया है। जो सवाल कल मंजूरी दिए जाने के बाद उठाए जा रहे थे वही सवाल अब उस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल करने वालों के बयान के बाद भी उठ रहे हैं।
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी दिए जाने पर उठ रहे हैं। सवाल तीसरे चरण के ट्रायल के आँकड़े को लेकर है। शशि थरूर, जयराम रमेश और आनंद शर्मा ने ये सवाल उठाए हैं।
देश में अब दो टीके के इस्तेमाल की आख़िरी मंजूरी भी मिल गई है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया यानी डीसीजीआई ने भी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया और भारत बायोटेक के टीके को मंजूरी दे दी।
नए साल का स्वागत हमें ख़ुशियाँ मनाते हुए करना चाहिए या कि पीड़ा भरे अश्रुओं के साथ? किसान आंदोलन से लेकर कोरोना संक्रमण की पीड़ा तक, लोगों की ताज़ा और पुरानी याददाश्त में भी कोई एक साल इतना लम्बा नहीं बीता होगा कि वह ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले!
भारत में कुछ दिनों में ही कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। यह इसलिए कि वैक्सीन की मंजूरी के रास्ते अब साफ़ नज़र आने लगे हैं। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने भी ऐसा ही कहा है।
बहुत बुरा था 2020! लेकिन क्या इतना कहना काफी है? कतई नहीं। मौत के मुँह से वापस निकलने का साल था 2020। यूं नहीं समझ आता तो उन लोगों की सोचिये जो 2020 में कोरोना के शिकार हो गए।
नये क़िस्म के कोरोना के मामले आने की ख़बरों के बीच ही नये साल की पूर्व संध्या पर दिल्ली में रात के कर्फ्यू की घोषणा की गई है। यह कर्फ्यू आज रात 11 बजे से कल सुबह 6 बजे तक रहेगा।
केंद्र सरकार ने नए साल पर होने वाले उत्सव को नियंत्रित करने का फ़ैसला किया है। इसने राज्य सरकारों से कहा है कि वे स्थानीय स्थितियों का आकलन करें और उस हिसाब से 30-31 दिसंबर और 1 जनवरी को होने वाले जश्न को नियंत्रित करें।