जिस एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड से क़रार कर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया कोरोना वैक्सीन बना रही है उसकी वैक्सीन पर कई यूरोपीय देशों में तात्कालिक तौर पर रोक लगाई गई है। यह रोक डेनमार्क, नॉर्वे और आइसलैंड ने गुरुवार को लगाई।
राजस्थान सरकार ने कहा है कि राज्य में कोरोना वैक्सीन के कम पड़ने की आशंका है। राजस्थान सरकार ने केंद्र को इस बारे में आगाह किया है। हालाँकि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के दावों को खारिज किया है।
क्या कोरोना अब ख़त्म होने को है? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि कोरोना महामारी अब ख़त्म होने के क़रीब है।
कोरोना वैक्सीन लगवाने पर यदि कोई दुष्प्रभाव हुआ और अस्पताल में जाने की ज़रूरत पड़ी तो क्या बीमा कंपनियाँ इलाज का ख़र्च उठाएँगी? यदि स्वास्थ्य बीमा कराने वालों के मन में यह सवाल है तो बता दें कि यह बीमा के दायरे में आएगा।
कोरोना टीकाकरण के दूसरे चरण का अभियान शुरू हो गया। लेकिन क्या आपको पता है कि टीका लगवाने की पूरी प्रक्रिया क्या है? कैसे रजिस्ट्रेशन कराना है, कैसे अप्वाइंटमेंट लेना है और क्या-क्या नियम-क़ायदे हैं?
कोरोना संक्रमण क्या इस साल के आख़िर तक फैलना रुक जाएगा? डब्ल्यूएचओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा है कि यह सोचना 'अपरिपक्व' और 'अवास्तविक' है कि साल के अंत तक महामारी को रोका जा सकता है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा है कि पूरे बिहार में कोरोना टीका बिल्कुल मुफ्त लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की सुविधा निजी अस्पतालों में भी उपलब्ध कराई जाएगी और यह राज्य सरकार करेगी।
कोरोना वैक्सीन का एक डोज निजी अस्पतालों में और स्वास्थ्य केंद्रों पर 250 रुपये में मिलेगा। सरकार ने वैक्सीन की यह क़ीमत तय की है। सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में वैक्सीन को मुफ़्त में लगाई जाएगी।
सवा करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का आँकड़ा काफी बड़ा लगता है, ख़ासकर जब इसकी तुलना हम दुनिया के दूसरे देशों से करते हैं। लेकिन अगर हम इसे प्रतिशत में बदल दें तो तसवीर कुछ दूसरी हो जाती है।
कोरोना टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण एक मार्च से शुरू होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि वैक्सीन किनको और कहाँ मिलेंगी। एक मार्च से निजी स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना टीका मिलने लगेगा।
देश में फिर से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच कोरोना टीकाकरण का दूसरा अभियान 1 मार्च से शुरू होगा। इस चरण में 60 से ज़्यादा उम्र के लोगों और कोमोर्बिडिटीज वाले 45 से ज़्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
कोरोना संक्रमण पर क्या फिर से हालात बिगड़ने लगे हैं? यदि ऐसा नहीं है तो केंद्र ने 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उच्च स्तरीय टीमें क्यों भेजी हैं?
देश में कोरोना क्या नियंत्रित है? यदि ऐसा हो तो कई राज्यों में संक्रमण के केस क्यों बढ़ने लगे हैं। नये क़िस्म के कोरोना आ चुके हैं। महाराष्ट्र के अमरावती ज़िले में तो लॉकडाउन भी लगाना पड़ा है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्द्धन और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रामदेव व कंपनी से जुड़े अधिकारी बाल कृष्ण ने दवा की खोज का दावा किया, लेकिन इस कथित दवा के पैकेट पर उसे ‘सपोर्टिंग मेज़र’ कहा गया है, दवा नहीं।
महाराष्ट्र में कोरोना की चिंताएँ फिर से काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई हैं। इतनी ज़्यादा कि दो ज़िलों में नये सिरे से पाबंदियाँ लगाई गई हैं। अमरावती ज़िले में शनिवार शाम 8 बजे से सोमवार सुबह तक लॉकडाउन लगाने की घोषणा की गई है।