कोरोना को लेकर महाराष्ट्र में फिर से सख़्ती लौट आई है। सभी कार्यालय, थिएयर, ऑडिटोरियम में अब क्षमता के आधा ही काम करने की इजाजत होगी। यह सख्ती 31 मार्च तक लागू होगी।
कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर का सामना कर रहे यूरोप के अब कई प्रमुख देशों ने एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन को फिर से शुरू करने की बात कही है। इन देशों का यह फ़ैसला तब आया है जब ईएमए ने कहा है कि एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन सुरक्षित है।
देश फिर से कोरोना की चपेट में आता दिख रहा है। एक दिन में कोरोना संक्रमण के मामले 35 हज़ार 871 मामले आए हैं। दिसंबर के शुरुआती दिन के बाद पहली बार इतने ज़्यादा संक्रमण के मामले आए हैं।
कोरोना क्या मौसमी बीमारी की तरह अब वर्षों तक रहेगा? क्या यह वायरस अब कभी भी ख़त्म नहीं होगा? ये सवाल इसलिए कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा गठित वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की कमिटी ने रिपोर्ट ही ऐसी दी है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का गंगा स्नान के लिए हरिद्वार आने वालों पर कोविड—19 निगेटिव रिपोर्ट लाने की अनिवार्यता ख़त्म करने वाला आदेश क्या कुंभ मेले को श्रद्धालुओं के लिए 'महामारी का महाकुंभ' साबित कर देगा?
कोरोना महामारी से जैसे-तैसे संभला महाराष्ट्र एक बार फिर इसकी चपेट में आता दिख रहा है। बुधवार को कोरोना के मामलों में जबरदस्त उछाल आया और संक्रमण के 23,179 नए मामले दर्ज किए गए।
इटली में फिर से लॉकडाउन लगाया गया है। इस प्रयास में कि कोरोना की तीसरी लहर को रोका जाए। जर्मनी में तीसरी लहर पहले ही शुरू हो गई है। फ़्रांस, स्पेन जैसे देशों में भी संक्रमण बढ़ा है।
भारत में कोरोना की स्थिति बेकाबू होती लग रही हो, लेकिन ब्राज़ील की स्थिति भारत से भी ज़्यादा ख़राब है। सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले में ब्राज़ील भारत से आगे निकल गया है और यह दूसरे स्थान पर पहुँच गया है।
क्या देश में देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आ गई है? विशेषज्ञ और जानकार जो भी राय दें, लेकिन आप ख़ुद तय कीजिए कि क्या है स्थिति। हर रोज़ आने वाले संक्रमण के मामले 8 हज़ार से बढ़कर अब 23 हज़ार से ज़्यादा हो गए हैं।