महाराष्ट्र और दिल्ली में लगातार दूसरे दिन कोरोना संक्रमण के मामले रिकॉर्ड संख्या में आए। महाराष्ट्र में ये 67 हज़ार के पार नई ऊँचाई पर पहुँचे तो दिल्ली में भी एक दिन में अब तक के सबसे ज़्यादा क़रीब 24 हज़ार मामले दर्ज किए गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने भले ही कुंभ को प्रतीकात्मक तौर पर मनाने का आह्वान कर कुंभ के समापन पर जो भी संकेत दिया हो, लेकिन बीजेपी की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने दो टूक कहा कि कुंभ की समाप्ति की घोषणा नहीं हो सकती।
कोरोना संकट के बीच कुंभ को प्रतीकात्मक रखने की प्रधानमंत्री मोदी की प्रार्थना पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद ने लोगों से आग्रह किया है कि कोरोना के हालात के मद्देनज़र लोग भारी संख्या में कुंभ में स्नान करने नहीं आएँ।
देश में कोरोना संकट के बीच कुंभ मेले के आयोजन के लिए सरकार और प्रधानमंत्री की आलोचनाओं के बीच अब पीएम मोदी ने कहा है कि कुंभ अब प्रतीकात्मक तौर पर ही जारी रखा जाए।
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड मामले आए। महाराष्ट्र में 24 घंटे में 63 हज़ार 729 मामले आए, उत्तर प्रदेश में 27 हज़ार 426 और दिल्ली में 19 हज़ार 486 केस दर्ज किए गए।
बीजेपी यह बात मानने को तैयार नहीं है कि कुंभ और चुनाव के आयोजनों की वजह से कोरोना के हालात बिगड़े हैं और बिगड़ रहे हैं। मानना तो दूर, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय इस मान्यता के विरुद्ध आँकड़े रख रहे हैं।
कोरोना संक्रमण के बीच हरिद्वार में कुंभ मेले को लेकर संतों में गतिरोध पैदा हो गया है। निरंजनी और आनंद अखाड़े ने 17 अप्रैल से कुंभ की घोषणा कर दी थी। लेकिन कुछ संतों ने कहा है कि कुंभ पहले से तय समय तक चलता रहेगा।
कोरोना संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या इतनी ज़्यादा है कि अब लाशों के ढेर लग गए हैं, चिताओं की कतार लग गई है। हर तरफ़ राख है, फ़िज़ा में धुएँ का गुबार है और इन सबके दरमियान लखनऊ कराह रहा है।
देश में कोरोना संक्रमण के फिर से रिकॉर्ड मामले आए। लगातार दूसरे दिन कोरोना के 2 लाख से ज़्यादा केस आए हैं। गुरुवार को 24 घंटे में देश में 2 लाख 17 हज़र 353 पॉजिटिव केस आए।
बेहद तेज़ रफ़्तार से लोगों को संक्रमित कर रहे कोरोना वायरस ने देश को पस्त कर दिया है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में संक्रमण की रफ़्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है।
सरकार भले ही कहे कि कोरोना टीके की कोई कमी नहीं है, लेकिन 45 साल से कम के लोगों को इसकी ज़रूरत नहीं है और उन्हें नहीं दिया जाएगा, सच तो यह है कि कोरोना किसी उम्र के लोगों को नहीं बख़्श रहा है।
कोरोना संक्रमण इस बार कितनी तेज़ी से फैला है? आँकड़े चौंकाते हैं। 4 अप्रैल को पहली बार एक दिन में 1 लाख से ज़्यादा केस आए थे और 14 अप्रैल को एक दिन में 2 लाख से ज़्यादा केस हो गए। इसे कितनी रफ़्तार से फैलना कहेंगे!