कोरोना वायरस का भारतीय वैरिएंट दुनिया के 44 देशों में फैल चुका है और लगभग हर भौगोलिक क्षेत्र में यह पहुँच चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने इसकी पुष्टि की है।
गाँवों में लोग बीमार हैं। लेकिन ग्रामीणों के लिए कोरोना जाँच कराना इतना आसान नहीं है, इसलिए जाँच कराने से बेहतर सर्दी-जुकाम और बुखार की दवाओं से अपना इलाज करा रहे हैं।
बिहार के बक्सर में गंगा नदी में एक पुल के नीचे आज दूसरे दिन भी कई शव तैरते हुए पाए गए। एक दिन पहले ही उस क्षेत्र में क़रीब 40-45 शव मिलने से हड़कंप मच गया था। अधिकारियों के अनुसार, अब तक कुल 71 शव मिले हैं।
देश में कोरोना टीके की कमी के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सिर्फ़ दो कंपनियों से पूरे देश को टीका लगाना संभव नहीं है और वैक्सीन के फ़ॉर्मूला को दूसरी कंपनियों के साथ साझा किया जाना चाहिए।
ऐसे समय जब सरकार के तमाम दावों के बावजूद कोरोना महामारी की तबाही बढ़ती ही जा रही है, सरकार इससे निपटने से जुड़े विपक्ष के सुझावों को मानने की बात तो दूर, उन पर ज़ोरदार हमले कर रही है।
कोरोना को रोकने का सरकारी प्रयास किस स्तर का है? सबसे ज़्यादा प्रभावित 306 ज़िलों में संक्रमण की स्थिति ख़तरनाक स्तर की है, लेकिन इनमें से अधिकतर ज़िलों में कोरोना वैक्सीनेशन धीमा पड़ गया है।
ऐसे समय जब कोरोना से रोज़ाना लगभग चार लाख लोग संक्रमित हो रहे हैं और लगभग चार हज़ार लोगों की मौत हो रही है, कोरोना दिशा निर्देशों की धज्जियाँ उड़ाने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं।
बिहार के बक्सर ज़िला स्थित चौसा कस्बे में उस समय सनसनी फैल गई जब देखते ही देखते उसके महादेवा घाट पर लाशों का अंबार लग गया। सुबह-सुबह कम से कम 40-45 लाशें गंगा नदी में बहती हुई महादेवा घाट पर लग गईं।