क्या दिल्ली सरकार कोरोना से होने वाली मौतों को जानबूझ कर छिपा रही है? यह सवाल इसलिए उठता है कि दिल्ली के तीनों म्युनिसपल कॉरपोरेशनों से जारी मृत्यु प्रमाण पत्रों और दिल्ली सरकार के कोरोना मौत के आँकड़ो में भारी अंतर है।
कोरोना महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन ने खरीद-फ़रोख़्त और बाजार में बुनियादी बदलाव लाए हैं। यह बदलाव सबसे साफ़ तौर पर ऑनलाइन शॉपिंग के क्षेत्र में देखा जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की कोरोना टीका नीति पर सवाल उठाते हुए इसकी आलोचना की है। अदालत ने कहा है कि 45 साल और इससे अधिक की उम्र के लोगों को मुफ़्त कोरोना टीका देना और 45 से कम की उम्र के लोगों से इसके लिए पैसे लेना 'अतार्किक' और 'मनमर्जी' है।
देश में 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 1 लाख 32 हज़ार 788 नये मामले आए हैं और 3207 लोगों की मौत हुई है। इससे एक दिन पहले एक दिन में 1 लाख 27 हज़ार 510 मामले दर्ज किए गए थे।
देश में कोरोना की दूसरी लहर जब तबाही मचा रही थी तो एक के बाद एक कोरोना के नये-नये स्ट्रेन की डराने वाली ख़बरें आ रही थीं।लेकिन अब विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इनमें से सिर्फ़ एक स्ट्रेन ही चिंतित करने वाला है।
बच्चों-किशोरों पर लॉकडाउन का असर दूरगामी हो सकता है, जिससे उनकी मानसिकता बदल सकती है, उनके पूरे जीवन पर इसका असर दिख सकता है। अभिभावक, शिक्षक और माता-पिता इसे पूरी तरह समझ भी नहीं पा रहे हैं।
भारत की वैक्सीन नीति को लेकर कहा जा रहा है कि इसने दुनिया के कई देशों के सामने एक संकट खड़ा कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि देश से वैक्सीन के निर्यात पर पाबंदी से उन 91 देश बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर कहा है कि राज्यों से टीका खरीदने को कहना सहकारी संघवाद के सिद्धांत के ख़िलाफ है। उन्होंने केंद्र से मुफ़्त टीका देने को कहा है।
देश में हर रोज़़ कोरोना संक्रमण के मामले घटकर अब सवा लाख हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को जो ताज़ा आँकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार सोमवार को 24 घंटे में 1 लाख 27 हज़ार 510 मामले दर्ज किए गए हैं।
सरकार के दावों पर और अख़बारों के पहले पन्नों पर यक़ीन करें तो कोरोना की दूसरी लहर भी अब ख़त्म होने को है। सवाल पूछा जाने लगा है कि बाज़ार कब खुलेंगे, कितने खुलेंगे? हम कब बाहर निकल कर खुले में घूम पाएँगे?
क्या वाकई कोरोना वायरस प्राकृतिक जीव नहीं है और इसे चीन के शहर ऊहान (वुहान) स्थित सरकारी प्रयोगशाला में बनाया गया था? और क्या इसका पहला शिकार उस प्रयोगशाला में काम कर रहे एक वैज्ञानिक की पत्नी थी?
कोरोना और इस महामारी से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने क्या मानव स्वभाव को भी प्रभावित किया है? क्या कोरोना की वजह से हमारे मनोविज्ञान, स्वभाव, व्यवहार व कामकाज के तौर तरीकों में कोई फ़र्क आया है?
हर रोज़ कोरोना संक्रमण के मामले घटकर अब डेढ़ लाख हो गए हैं। यह पिछले 50 दिन में सबसे कम मामले हैं। देश में 6 मई को सबसे ज़्यादा 4 लाख 14 हज़ार केस आए थे और अब 25 दिन में यह घटकर क़रीब डेढ़ लाख हो गए हैं।