चीन में अब फिर से कोरोना का खौफ है। डेल्टा वैरिएंट के मामले आ रहे हैं। 18 प्रोविंस यानी राज्यों के कम से कम 20 शहरों में डेल्टा वैरिएंट के मामले आ चुके हैं। कई शहरों में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध लगाए गए हैं।
देश में कोरोना संक्रमण की जिस तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही थी वह इसी महीने आ सकती है। अक्टूबर में इसके शिखर पर होने की संभावना है। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
पंजाब में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार कम आते रहने के बीच राज्य सरकार ने 2 अगस्त से स्कूल की सभी कक्षाएँ खोलने को मंजूरी दे दी है। लेकिन साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना ज़रूरी होगा।
कोरोना टीका देने के तमाम सरकारी दावों के बीच 10 राज्यों में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज़्यादा है, यानी जितने लोगों की कोरोना जाँच कराई गई है, उनमें से 10 प्रतिशत लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया है।
केरल में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद अब कर्नाटक में भी संक्रमण के मामले काफ़ी तेज़ी से बढ़े हैं। राज्य में एक दिन में कोरोना पॉजिटिव केसों में 34 फ़ीसदी का उछाल आया है।
सबसे सख़्त लॉकडाउन, शानदार टेस्टिंग, सख्ती से कोरोना नियमों की पालना और दुनिया में सबसे तेज़ी से टीकाकरण करने वाले अब चीन में डेल्टा वैरिएंट पहुँच गया है और संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं।
केरल में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर शनिवार से दो दिन के लिए संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा। राज्य के मुख्य सचिव डॉ. वीपी रॉय द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान कुछ मामलों में दी गई छूट जारी रहेगी।
केरल में बुधवार को 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 22 हज़ार से ज़्यादा मामले आए हैं। ये पूरे देश में हर रोज़ आ रहे मामलों के क़रीब 50 फ़ीसदी हैं। आख़िर वहाँ संक्रमण के मामले इतना ज़्यादा कैसे हैं?
लांसेट ने एक शोध प्रकाशित किया है जिसमें पता चला है कि फाइज़र और एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन से बनी कोरोना के ख़िलाफ़ एंटीबॉडी यानी प्रतिरोधी क्षमता 2-3 महीने में ही धीरे-धीरे घटने लगती है।
कोरोना संकट की वजह से कई राज्यों में भले ही कई तरह की पाबंदियाँ हैं, अदालतें सरकारों की खिंचाई कर रही हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार को भगदड़ जैसे हालात बन गए।
कोरोना का डेल्टा वैरिएंट पूरे टीके लिए हुए लोगों को भी संक्रमित कर रहा है, अब लगातार ऐसे मामले आ रहे हैं। दुनिया के 10 बड़े विशेषज्ञों ने भी इसकी पुष्टि की है। और अब इस वजह से दुनिया के सामने एक बड़ी चिंता भी है।
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों संक्रमित होने की जो आशंका जताई जा रही थी उसके साफ़ संकेत मिलने लगे हैं। इंडोनेशिया में कोरोना संक्रमण के कारण सैकड़ों बच्चों की मौत हो गई है। इस महीने हर हफ़्ते 100 से ज़्यादा बच्चों की मौतें हुई हैं।
जिन लोगों ने कोरोना टीके की दो खुराक़ें ले ली हैं, उन्हें बूस्टर डोज़ यानी तीसरी खुराक़ लेनी होगी। डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने इसकी वजह बताते हुए कहा है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट पर मौजूदा टीके प्रभावी नहीं भी हो सकते हैं।
कोरोना से मौत का केंद्र सरकार का जो आँकड़ा है, क्या वास्तविक मौत उससे 12 गुणे ज़्यादा लोगों की हुई है? अमेरिकी संस्था सेंटर फ़ॉर ग्लोबल डेवलपमेंट के हालिया शोध से यही संकेत मिलता है।