कोरोना से ठीक हुए कई लोग भी संक्रमित हो रहे हैं और कोरोना का टीका लगाए हुए लोग भी। इसका मतलब है कि 'हर्ड इम्युनिटी' की संभावना धुमिल होती दिख रही है। तो क्या कोरोना कभी ख़त्म नहीं होगा?
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए कुछ वीडियो में चीनी अधिकारी घरों के बाहर लोहे की छड़ें लगाते दिखते हैं। तो क्या वुहान में पिछले साल कोरोना को फैलने से रोकने में सफलता का राज यही है?
कोरोना संक्रमण हर्ड इम्युनिटी आने के बाद कम होने की उम्मीद थी लेकिन अब विशेषज्ञ कह रहे हैं कि बेहद तेज़ी से फैलने वाले कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने हर्ड इम्युनिटी की संभावना को धुमिल कर दिया है।
केरल में 40 हज़ार से ज़्यादा ऐसे लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जिन्हें पूरी तरह से टीके लग गए थे। क्या यह वायरस अब वैक्सीन से मिली सुरक्षा को मात देने में सक्षम है?
अमेरिकी कंपनी जॉन्सन एंड जॉन्सन के कोरोना टीके का भारत में आपात स्थिति में इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है। यहाँ बायलॉजिकल ई लिमिटेड इसे तैयार करेगा।
चोटी की अमेरिकी संस्था सीडीसी ने कहा है कि जिन्होंने कोरोना टीका नहीं लिया है, उनके संक्रमित होने की आशंका टीका लेने वालों की तुलना में 2.34 गुणे ज़्यादा है।
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर जीडीपी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। उन्होंने कहा है कि भारत की विकास दर 7 प्रतिशत तक जा सकती है।
हिमाचल प्रदेश में जहाँ 73.3 फ़ीसदी से भी ज़्यादा वैक्सीन के योग्य आबादी को कम से कम एक टीका लगाया गया है जबकि उत्तर प्रदेश 29.5 फ़ीसदी आबादी को ही टीके लगाने के लिए संघर्ष कर रहा है।
कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से उन देशों के लोगों को ज़्यादा ख़तरा होगा जहाँ कोरोना के टीके कम लगाए गए हैं। आख़िर ये देश कौन हैं जहाँ टीके काफ़ी कम लगाए गए?
केरल में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जो किया जा रहा है उसकी आलोचना की जानी चाहिए या तारीफ़? वास्तव में क्या केरल में बेहद बुरे हालात हैं? क्या वहाँ दूसरे राज्यों की अपेक्षा ख़राब ढंग से निपटा जा रहा है?
चीन के जिस वुहान शहर में सबसे पहले कोरोना संक्रमण का मामला सामने आया था वहाँ की पूरी आबादी की अब कोरोना की जाँच की जाएगी। इस शहर में एक साल बाद पहली बार स्थानीय संक्रमण का मामला सामने आया है।