मीडिया में उथल पुथल मची हुई है । तमाम नौकरियाँ चली गई हैं और तमाम उसी रास्ते पर हैं । कई जगह वेतन कटौती हो चुकी है । कोरोना प्रलय बन कर आया है । रेवेन्यू के नदारद होते ही कुछ राष्ट्रवादी पत्रकार रातोंरात धर्मनिरपेक्ष हो गये तो कई मध्यमार्गी राष्ट्रवादी । तमाम मज़दूर की भाषा बोलते मिले और तमाम चीखते स्वर गूँगे हो गये । अमर उजाला के संपादक मंडल के नक्षत्र शरद गुप्ता से इस पर सवाल पूछ रहे हैं शीतल पी सिंह
क्या लॉकडाउन से हमारी केंद्र व राज्य सरकारों ने वह हासिल कर लिया जिसके दावे किए गए थे? या लॉकडाउन के बाद एक और लॉकडाउन करके ही कोरोना वायरस पर विजय पाने की बात केंद्र व राज्य सरकारों ने सोच रखी है?
देश में तेज़ी से फैल रहे कोरोना वायरस और टेस्ट किट की कमी की ख़बरों के बीच चीन ने 6.5 लाख कोरोना वायरस मेडिकल किट भारत को भेजी है। चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने ख़ुद इसकी जानकारी दी है।
लॉकडाउन पार्ट 2 के दौरान 20 अप्रैल से कुछ जगहों पर छूट मिलने की बात केंद्र सरकार ने कही है। लेकिन देश की राजधानी के लोगों को यह छूट नसीब होना मुश्किल है।