काँग्रेस अध्यक्ष की इस घोषणा ने कि मज़दूरों का ट्रेन किराया उनकी पार्टी देगी, के़द्र सरकार के मज़दूर विरोधी रवैये को बेनकाब कर दिया है। इन मज़दूरों को मुफ़्त उनके घरों तक पहुंचाने के बजाय रेल्वे उनसे किराया वसूल रही है। सरकार ये रकम राज्य सरकारों के सिर पर डालने की फ़िराक़ में है जबकि वे ज़बरदस्त आर्थिक संकट से गुज़र रही हैं। सरकार सेंट्रल विस्ता जैसे प्रोजेक्ट पर फ़िजूलखर्ची छोड़ने के लिए भी तैयार नहीं है जबकि ग़रीब तबकों पर ऐसे समय में भी बोझ डालने बाज नहीं आ रही।
केंद्र सरकार ने जैसे ही लॉकडाउन 3.0 में शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी, सोमवार सुबह ही देश में कई जगहों पर शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी लाइन लग गईं। Satya Hindi
कोरोना वायरस के ख़ौफ़ के बीच असम में अफ़्रीकी स्वाइन फ़्लू ने दस्तक दी है। असम सरकार ने कहा है कि इस फ़्लू के कारण राज्य में अब तक 2500 सुअरों की मौत हो चुकी है।
क्या घर लौट रहे प्रवासी मज़दूरों से रेल भाड़ा लेने के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी ग़लतबयानी कर रही है ? क्या इसके प्रवक्ता संबित पात्रा लोगों को गुमराह कर रहे हैं?
केंद्र सरकार ने जैसे ही लॉकडाउन 3.0 में शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी, सोमवार सुबह ही देश में कई जगहों पर शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी लाइन लग गईं।
प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के मुद्दे पर कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों का उनके राज्यों में आने का ट्रेन ख़र्च कांग्रेस उठाएगी।
क्या दिल्ली, क्या यूपी और क्या बाक़ी राज्य सरकारें, सभी को कोरोना के कारण आए आर्थिक संकट से निकलने का रास्ता सिर्फ शराब के जरिये होने वाली कमाई से ही दिख रहा है।
जर्मनी से भाग कर अपनी किस्मत आजमाने अमेरिका आए फ्रेडरिक ट्रंप के पोते डोनल्ड ट्रंप आज अमेरिका के राष्ट्रपति हैं और कोरोना महामारी के ख़िलाफ़ देश का नेतृत्व कर रहे हैं।