कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू होने के दो दिन में ही अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि टीकाकरण के काम में अब सभी निजी अस्पतालों का इस्तेमाल किया जाए।
कोरोना टीकाकरण के दूसरे चरण का अभियान शुरू हो गया। लेकिन क्या आपको पता है कि टीका लगवाने की पूरी प्रक्रिया क्या है? कैसे रजिस्ट्रेशन कराना है, कैसे अप्वाइंटमेंट लेना है और क्या-क्या नियम-क़ायदे हैं?
कोरोना संक्रमण क्या इस साल के आख़िर तक फैलना रुक जाएगा? डब्ल्यूएचओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा है कि यह सोचना 'अपरिपक्व' और 'अवास्तविक' है कि साल के अंत तक महामारी को रोका जा सकता है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा है कि पूरे बिहार में कोरोना टीका बिल्कुल मुफ्त लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की सुविधा निजी अस्पतालों में भी उपलब्ध कराई जाएगी और यह राज्य सरकार करेगी।
कोरोना वैक्सीन का एक डोज निजी अस्पतालों में और स्वास्थ्य केंद्रों पर 250 रुपये में मिलेगा। सरकार ने वैक्सीन की यह क़ीमत तय की है। सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में वैक्सीन को मुफ़्त में लगाई जाएगी।
कोरोना टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण एक मार्च से शुरू होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि वैक्सीन किनको और कहाँ मिलेंगी। एक मार्च से निजी स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना टीका मिलने लगेगा।
देश में फिर से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच कोरोना टीकाकरण का दूसरा अभियान 1 मार्च से शुरू होगा। इस चरण में 60 से ज़्यादा उम्र के लोगों और कोमोर्बिडिटीज वाले 45 से ज़्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
तीसरे चरण के ट्रायल के आँकड़े के बिना कोवैक्सीन को मंजूरी दिए जाने के विवाद के बीच छत्तीसगढ़ ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह कोवैक्सीन को रोक दे। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि राज्य कोरोना टीकाकरण अभियान में काफ़ी पीछे है।
फ़ाइजर ने कोरोना वैक्सीन की आपात मंजूरी के लिए दिया गया अपना आवेदन आख़िरकार वापस ले लिया है। क़रीब दो महीने पहले सबसे पहले फ़ाइजर ने ही भारत में वैक्सीन की मंजूरी के लिए आवेदन किया था।
कोरोना की वैक्सीन बहुत कम समय में आने से वैक्सीन-संबंधित शंकाओं को बल मिला है। फ़ेसबुक, वाट्सऐप और ट्विटर पर वैक्सीन के बारे में अफ़वाहों, अवैज्ञानिक तर्कों और बेबुनियाद तथ्यों की भरमार है। जानिए, कैसा असर होगा।
कोरोना संक्रमण से खौफ़ के बीच वैक्सीन इतनी बड़ी उम्मीद थी कि शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि उन्हीं वैक्सीन को लेने से लोग हिचकेंगे। पर ऐसा हो रहा है। वैक्सीन के प्रति हेजिटेंसी है।
कोरोना टीकाकरण का जो अभियान शनिवार को शुरू हुआ है उसमें दुष्प्रभाव के कम से कम 52 मामले सामने आए हैं। इसमें से अधिकतर सामान्य दुष्प्रभाव हैं जबकि एक मामले में एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।
भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान के शुरू होने के पहले दिन 1 लाख 91 हज़ार लोगों को टीका लगाया गया। सरकार ने पहले दिन 3 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा था।