रूस से आयातित कोरोना की स्पुतनिक वैक्सीन की एक खुराक 995.40 रुपये में मिलेगी। इसके साथ ही शुक्रवार को स्पुतनिक वी की पहली वैक्सीन भारत के हैदराबाद में लगाई गई।
देश में कोरोना वैक्सीन की भारी कमी की शिकायतों के बीच केंद्र सरकार ने दावा किया है कि इस साल के आख़िर तक यानी दिसंबर महीने तक भारत में 200 करोड़ से ज़्यादा वैक्सीन उपलब्ध होगी।
कोविशील्ड वैक्सीन की जो खुराकें शुरुआत में 4 हफ़्ते के अंतराल में लगाई जा रही थीं उसको 12-16 हफ़्ते बढ़ाने की सरकारी पैनल ने सिफ़ारिश की है। कोविशील्ड की खुराक लेने के अंतराल में बढ़ोतरी से सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
देश में कोरोना टीके की कमी के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सिर्फ़ दो कंपनियों से पूरे देश को टीका लगाना संभव नहीं है और वैक्सीन के फ़ॉर्मूला को दूसरी कंपनियों के साथ साझा किया जाना चाहिए।
कोरोना को रोकने का सरकारी प्रयास किस स्तर का है? सबसे ज़्यादा प्रभावित 306 ज़िलों में संक्रमण की स्थिति ख़तरनाक स्तर की है, लेकिन इनमें से अधिकतर ज़िलों में कोरोना वैक्सीनेशन धीमा पड़ गया है।
कोरोना संकट देश में भयावह हो गया है। अब समय आ गया है पूछने का कि कितनी मौतों के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री अपने को उत्तरदायी मानेंगे?
एक तरफ़ कोरोना टीकों की कमी है तो दूसरी तरफ हर कोई लगवा सकता है और टीके की क़ीमत तय नहीं है। सरकार मुफ्त में किन लोगों को लगवाएगी, यह भी तय नहीं हुआ है, काम शुरू होना तो छोड़िए। आख़िर टीकाकरण की नीति क्या है?
देश में बेकाबू हुए कोरोना संक्रमण के बीच अब टीका लगाने के इच्छुक 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए अच्छी ख़बर है। 1 मई से जो टीकाकरण शुरू होने वाला है उसके लिए अब इसी शनिवार से यानी 24 अप्रैल से पंजीकरण कराया जा सकता है।
सीरम इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन की क़ीमतों की घोषणा की है। इसने कहा है कि कोविशील्ड के प्रति डोज के लिए राज्यों को 400 रुपये और निजी अस्पतालों को 600 रुपये चुकाने होंगे।
वैक्सीन की दो खुराक लगने के बाद भी संक्रमण क्यों? दिल्ली में एक साथ बड़ी संख्या में डॉक्टरों में कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आई तो सवाल उठे कि वैक्सीन कोरोना संक्रमण के प्रति कितनी प्रभावी है?
सरकार ने अब विदेशी वैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेज़ी लाने का फ़ैसला लिया है। सरकार की ओर से यह बयान तब आया है जब आज ही रिपोर्ट आई है कि रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-V को मंजूरी दी गई है।
रूस की एक निवेश संस्था और वैक्सीन बनाने वाली स्पूतनिक-V कंपनी ने कहा है कि भारत में कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-V के आपात इस्तेमाल को भारत की दवा नियामक संस्था से मंजूरी मिल गई है।
दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता देश है भारत। दुनिया के देश कम से कम भारत में वैक्सीन की कमी होने की कल्पना नहीं कर सकते थे। सवाल है- ऐसा क्यों? वह भी तब जब मोदी ने इंडिया फर्स्ट का नारा दिया है।