कोरोना की वैक्सीन की आ रही एक के बाद एक उम्मीद वाली ख़बरों के बीच ही कई देशों में कोरोना संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है और मौत के रिकॉर्ड मामले आ रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि राज्य कोरोना को लेकर तैयार नहीं होंगे तो दिसंबर में बहुत ख़राब हालत होगी। कोर्ट ने तो उन 4 राज्यों से दो दिनों में स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की है जहाँ कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे दुनिया के कई देशों के बाद अब क्या भारत की बारी है? महाराष्ट्र में बीएमसी के स्कूल 31 दिसंबर तक बंद कर दिए गए हैं। चार राज्यों में केंद्र सरकार की टीमें भेजी गई हैं। भारत में भी दूसरी लहर तो नहीं आ जाएगी?
कोरोना दुनिया भर में फिर तेज़ी से फैल रहा है। पहले से कहीं ज़्यादा। इसलिए पहले से कहीं ज़्यादा सख़्ती है। दिल्ली में ही मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना बढ़ाया गया। ऑस्ट्रेलिया में सख़्त लॉकडाउन है। यूरोप और अमेरिका में स्कूल बंद किए गए।
मॉडर्ना वैक्सीन के प्रभावी होने की रिपोर्ट भले ही उम्मीद जगाए, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने दुनिया के सामने चिंता बढ़ा दी है। इसमें भी अमेरिका और यूरोप तो गंभीर संकट में हैं। अमेरिका में एक दिन पहले ही 1 लाख 66 हज़ार नये मामले आए।
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका है। इसका अंदाज़ा सरकारी तैयारी से ही लगाया जा सकता है। अधिकारियों को कोरोना के इलाज के लिए आवश्यक ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य दवाओं के बफर स्टॉक को बनाए रखने के लिए कहा गया है।
भले ही कोरोना संक्रमण के प्रति आप ऐसे अभ्यस्त हो गए हों कि यह आपको इससे फर्क न पड़ता हो, लेकिन पूरी दुनिया फिर और ज़्यादा गंभीर चपेट में है। पहली बार एक दिन में 5 लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले आए।
फ्रांस में कोरोना संक्रमण नियंत्रित हो गया तो 27 मई को एक दिन में सिर्फ़ 191 नये केस आए थे। 25 अक्टूबर को एक दिन में 52 हज़ार से ज़्यादा केस आए हैं। यह एक दिन में फ्रांस में सबसे ज़्यादा केस है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आ चुकी है।
यूरोप में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर है तो हमें सचेत हो जाना चाहिए। क्योंकि त्योहार का मौसम है और प्रदूषण बढ़ने से भी संक्रमण के फैलने की आशंका जताई गई है।
यूरोप फिर से कोरोना की चपेट में है। यानी महाद्वीप में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हो गई है। कई देशों में लॉकडाउन की तैयारी है, स्कूल, बार और रेस्तराँ फिर से बंद किए जा रहे हैं। क्या दुनिया भर के देशों के लिए यह सचेत होने वाली स्थिति नहीं है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि जिन देशों में कोरोना संक्रमण कमज़ोर पड़ रहा है वहाँ यदि इसे रोकने के लिए किए गए उपायों में ढील दी गई तो दूसरी बार यह तुरंत ज़ोर पकड़ सकता है।