देश भर में जहाँ-तहाँ फँसे प्रवासियों को लेकर चौतरफ़ा आलोचनाएँ झेल रही केंद्र सरकार ने अब राज्यों से कहा है कि वे ज़्यादा से ज़्यादा विशेष ट्रेनों को चलाने के लिए रेलवे से समन्वय स्थापित करें।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिल्ली से नोएडा और गाज़ियाबाद में घुसने की अनुमति देने के कुछ ही घंटे बाद नोएडा प्रशासन ने इस पर आपत्ति कर दी। इसने साफ़ तौर पर कह दिया कि दिल्ली से लोगों को नोएडा में घुसने नहीं दिया जाएगा।
देश की वित्त मंत्री आरोप लगा रही हैं कि राहुल गाँधी ड्रामेबाज़ी कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने ‘दुख’ के साथ कहा कि राहुल ने मज़दूरों के साथ बैठकर, उनसे बात करके उनका समय बर्बाद किया।
देश में कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर एक लाख के पार हो गई है। इसके साथ ही भारत दुनिया भर में सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले में 11वें स्थान पर आ गया है।
लॉकडाउन की मार शहरों और गाँवों, दोनों पर पड़ी है। इसका असर कृषि कार्यों पर भी हुआ है और ग़ैर कृषि कार्यों पर भी। लाखों लोगों को इस वजह से बेरोज़गार होना पड़ा है।
शेषाद्रि चारी ने मोदीजी के ‘भारतीय आत्मनिर्भरता’ पर एक लेख लिखा है। उनका कहना है कि मोदी जी का विचार वही है जो-गाँधीजी के आधुनिकीकरण का था- हाँ, पश्चिमी निर्भरता- नहीं’। शेषाद्रि चारी की बातें खोखली और अर्थहीन हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि राजधानी में सभी सरकारी और प्राइवेट ऑफ़िस खुल जाएंगे लेकिन प्राइवेट ऑफ़िस के लोग कोशिश करें कि वे वर्क फ़्रॉम होम पर जोर दें।
कर्नाटक ने अपने राज्य में घुसने पर चार राज्यों- महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और केरल के लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन राज्यों के लोग 31 मई तक कर्नाटक में नहीं घुस पाएँगे।
कोरोना वायरस का संक्रमण जो पहले शहरों तक सीमित था वह अब गाँवों तक फैल गया है। अब इसमें वे ज़िले भी आ गए हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। यानी अब कोरोना का संक्रमण गाँवों तक पहुँच गया है जहाँ स्वास्थ्य सुविधाएँ नहीं के बराबर हैं।
सीमा भारत और पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश या म्यांमार के बीच नहीं रह गई है, अब बिहार और उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात, असम और मेघालय या कर्नाटक और केरल के बीच खिंच गई है।
यह तसवीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। अमृत इतना बीमार थे कि मुश्किल से ही साँस भी ले पा रहे थे। सड़क किनारे वह सैयुब की गोद में लेटे हैं और सैयुब पैदल जा रहे लोगों से सहायता की गुहार लगाते हैं।