कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात पूरे देश मेें लॉकडाउन की घोषणा की। यह 21 दिनों तक के लिए होगा। अब सरकार ने ही इसकी सूचना जारी कर साफ़ कर दिया है कि क्या बंद रहेंगे और क्या खुले रहेंगे।
मोदी सरकार ने बीते एक साल में कॉर्पोरेट घरानों को राहत देने के लिये कई फ़ैसले किये लेकिन लॉकडाउन के कारण खाली बैठे दिहाड़ी मजदूरों के लिये अब तक कुछ नहीं किया है।
रविवार को पूरे देश में लॉकडाऊन हुआ तो सोमवार को 19 राज्यों में लॉकडाऊन कर दिया गया। पर क्या लॉकडाऊन कोरोना संक्रमण रोकने के लिए काफी है? विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साफ कहा है कि नहीं, सिर्फ़ लॉकडाऊन से काम नहीं चलेगा। क्या है उपाय? कैसे हम इसे रोक सकते हैं? सत्य हिन्दी पर देखें प्रमोद मल्लिक का विश्लेषण।
जनता-कर्फ्यू तो सिर्फ़ इतवार को था, लेकिन सोमवार को भी वह सारे देश में लगा हुआ मालूम पड़ रहा है। मेरा घर गुड़गाँव की सबसे व्यस्त सड़क गोल्फ कोर्स रोड पर है लेकिन इस सड़क पर आज भी हवाइयाँ उड़ रही हैं।
कोरोना वायरस को लेकर दिल्ली में लॉकडाउन के बीच ही अब नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ तीन महीने से भी ज़्यादा समय से शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर रहे लोगों को मंगलवार सुबह हटा दिया गया।
इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने कहा है कि कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 415 हो गई है। रविवार को 19 नये मामले सामने आए हैं।
अब गुजरात में भी कोरोना वायरस से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। इसके साथ ही देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। केंद्र सरकार ने राज्यों को सलाह जारी की है कि 75 ज़िलों को लॉकडाउन कर दिया जाए।