दिल्ली में खाने-पीने की चीजें, दूध-दवा वगैरह ऑनलाइन बेचने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों ने कहा है कि उन्हें 15 हज़ार लीटर दूध और 10 हज़ार किलो सब्जियाँ फेंक देनी पड़ीं।
कोरोना वायरस: भारत में कुल संक्रमित मामले 562 हुए।21 दिनों का लॉकडाउन, नियम तोड़ने पर 2 साल तक की सज़ा। ‘लॉकडाउन के नियम तोड़े तो गोली मारने के आदेश दे सकता हूँ’। Satya Hindi
कोरोना को देखते हुए 21 दिन का लॉकडाउन/कर्फ्यू है। ऐसे में कंपनियों के साथ मज़दूर वर्ग और समाज के कमज़ोर तबक़े को इस दौरान आंशिक मदद पहुँचाने की कवायद में केंद्र व राज्य सरकारों ने कई घोषणाएँ की हैं। ये कितनी कारगर होंगी?
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल रहे एक पत्रकार का कोरोना टेस्ट पाॅजिटिव निकला है। इसके बाद भोपाल से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सरकार ने सारी तैयारी कर रखी है और दूध, सब्जी, किराने का सामान, इन सारी चीज़ों का ध्यान रखा जाएगा और ये लोगों को मिलती रहेंगी।
लॉकडाउन की घोषणा तो हो गई लेकिन देश की एक बड़ी जनसंख्या जो रोज़ कमाने -रोज़ खाने जैसे हालात में जीवन बसर करने के लिए मजबूर है, उसका क्या होगा? काम-धंधे बंद हैं, कमाई का कोई ज़रिया नहीं, ऐसे में ये लोग अपना पेट कैसे भरेंगे?
मोदी सरकार क्यों कोरोना से निपटने में पिछड़ गयी ? उसकी लापरवाही कहीं देश को मंहगा न पड़े ? दक्षिण कोरिया ने कैसे और किस तरह बिना लाकडाउन किये कोरोना पर क़ाबू पाया ! काश मोदी सरकार दक्षिण कोरिया से सबक लेते !
प्रधानमंत्री ने देशवासियों को जितना डराना संभव था, डरा दिया। यह भी कह दिया कि इससे बचने का एक ही तरीक़ा है कि घरों में बंद रहा जाए और इसके लिए लक्ष्मण रेखा का अच्छा उदाहरण दिया पर उसके अंदर रहने में सहायता का कोई आश्वासन नहीं दिया।
कोरोना को काबू करना कोई दक्षिण कोरिया से सीखे। उसके पास इटली, अमेरिका और स्पेन जैसे विकसित देशों की तरह मज़बूत स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं है फिर भी इसने इन देशों व चीन की तरह सख्ती नहीं की। फिर भी इसने कोरोना को नियंत्रित कर लिया।