कोरोना का क़हर, इकोनॉमी पर संकट और माहौल में नफ़रत और अविश्वास! ऐसे में अपने घरों में बंद होकर किया पढ़ सकते हैं। क्या लिखा जा सकता है? आलोक जोशी ने बात की तीन जाने माने लेखकों नवीन जोशी, वंदना राग और अशोक कुमार पांडेय के साथ।
कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले भले ही कम नहीं हुए हों, लेकिन एयर इंडिया ने 4 मई से घरेलू उड़ानों के लिए और एक जून से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए टिकट की बुकिंग भी शुरू कर दी।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोटा में फंसे प्रदेश के छात्रों को लाने के लिए बसें भेजे जाने के क़दम से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज हैं। नीतीश ने इस क़दम को लॉकडाउन के सिद्धांत के साथ नाइंसाफ़ी बताया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को मंत्रियों के समूह की बैठक हुई। बैठक में 20 अप्रैल से नॉन कंटेनमेंट ज़ोन में आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के संबंध में चर्चा हुई।
भारत में हाल के कुछ महीनों में मुसलमानों पर अत्याचार और उत्पीड़न बढ़े हैं तथा मीडिया के कुछ लोगों द्वारा उन्हें आतंकवादी और राष्ट्र विरोधी नागरिकों के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
देश भर से ख़बरें आ रही हैं कि मज़दूर और ग़रीब तबक़े को दो वक्त का खाना नहीं मिल पा रहा है। सरकार के गोदाम अनाज से भरे हुए हैं, तो वह इसे ग़रीबों में बांटती क्यों नहीं?
एक ओर लॉकडाउन के चलते लोग घरों में क़ैद हैं, वहीं दूसरी ओर कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमारस्वामी के बेटे की शादी में बड़ी संख्या में लोग जुट गए। ऐसे में तो लॉकडाउन बेमतलब साबित हो जाएगा।
लॉकडाउन को महीना होने जा रहा है मगर सरकार ज़रूरतमंदों तक मदद नहीं पहुँचा पाई है। ये तब है जब अनाज भंडार भरे हुए ही नहीं हैं बल्कि अनाज सड़ रहा है, बरबाद हो रहा है, चूहे खा रहे हैं। ख़तरा यह है कि उसकी नाकामी कहीं कानून व्यवस्था का संकट न खड़ा कर दे।