कोरोना संकट को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के पूर्व गवर्नर डॉ. रघुराम राजन से बात की। इस दौरान लॉकडाउन के कारण पैदा हुए आर्थिक हालात, कोरोना वायरस की टेस्टिंग, लॉकडाउन के कारण ग़रीबों को हो रही परेशानियों से लेकर कई और मुद्दों पर विस्तार से बात हुई है।
दूसरे राज्यों में फँसे मज़दूरों को अपने गृह राज्य में वापस लौटने के निर्देश के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि 4 मई से देश के कई ज़िलों में लॉकडाउन में ढील दी जाएगी।
दिल्ली-मुंबई में बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों के कोरोना संक्रमित होने के कारण कोरोना के ख़िलाफ़ इस लड़ाई को जीतना तो दूर लड़ना ही बेहद मुश्किल नज़र आ रहा है।
अपने घरों से दूर दूसरे राज्यों और शहरों में फँसे मज़दूरों और दूसरे आप्रावासियों के लिए अच्छी ख़बर है। केंद्र सरकार ने कहा है कि ऐसे जिन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण नहीं होंगे वे लॉकडाउन के दौरान भी अपने घर जा सकते हैं।
मुंबई से चलकर 1500 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती ज़िले में अपने घर पहुँचे 35 वर्षीय सख़्स की कुछ घंटों में ही मौत हो गई। वह मुंबई में थे तो बस किसी तरह घर पहुँचना चाहते थे।
फ़्रैंकलिन टेंपलटन की छह स्कीमें बंद होने से परेशान हैं? सोच रहे हैं कि अपने म्यूचुअल फंड बेचकर सोना ख़रीद लें? इस हाल में पैसा कहाँ सुरक्षित है और आपको कहाँ कितना पैसा रखना चाहिए? पर्सनल फ़ाइनेंस की जानकार पत्रकार, लेट्स टॉक मनी की लेखिका और मिंट की कंसल्टिंग एडिटर मोनिका हालन से आलोक जोशी की बातचीत।
लॉकडाउन के कारण जब अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट है, ऐसे समय में प्रधानमंत्री का कहना है कि हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है, उनके इस बयान का क्या आधार है, कुछ पता नहीं।