देश में फिर से रिकॉर्ड कोरोना संक्रमण के मामले आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने आज जो गुरुवार के आँकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार 24 घंटे में 3 लाख 32 हज़ार 730 पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं।
कोरोना के रिकॉर्ड संक्रमण के बीच देश इस समय एक अभूतपूर्व संकट से गुज़र रहा है। कर्णधारों को भनक नहीं लग पाई कि समूचा देश केवल एक साल के भीतर ही हारने लगेगा और वे मरने वालों की गिनती करते रह जाएँगे।
ऑक्सीजन के लिए कई राज्यों में हाहाकार मचा है। ऑक्सीजन की कमी होने से मरीज़ों की मरने की ख़बरें आ रही हैं। कर्नाटक से लेकर दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है।
कोरोना संक्रमण के मामले इतने बढ़ गए हैं कि अस्पतालों में बेडों की कमी है, आक्सीज़न व ज़रूरी दवाएँ कम पड़ने लगी हैं। जानिए, ऐसे में लोग कैसे कर रहे हैं मदद।
देश में पहली बार कोरोना संक्रमण के मामले रिकॉर्ड 3 लाख आए हैं। बुधवार को 24 घंटे में 3 लाख 14 हज़ार 835 पॉजिटिव केस आए। इस दौरान 2104 लोगों की मौत हुई। एक दिन में यह आँकड़ा सबसे ज़्यादा है।
कोरोना संकट के बीच जनता आज त्राहिमाम कर रही है। कोई सुनने वाला नहीं है। राम, तुम जिस करोड़ों लोगों की आस्था से भगवान हो, वे लोग मानवता के सबसे बड़े संकट से जूझ रहे हैं। भेड़-बकरियों की तरह सड़कों पर मर रहे हैं। क्या तुम्हें उनकी कोई सुध नहीं है?
‘डबल म्यूटेंट’ पर शोध अभी व्यवस्थित ढंग से हुआ भी नहीं है कि ट्रिपल म्यूटेंट के केस आए हैं। कहा जा रहा है कि डबल म्यूटेंट में ही एक नये म्यूटेंट के संकेत मिले हैं। यही ट्रिपल म्यूटेंट है।
कोरोना के अब क़रीब तीन लाख केस आ गए हैं। मंगलवार को एक दिन में 2 लाख 95 हज़ार 41 पॉजिटिव केस आए और 2023 लोगों की मौत हुई। यह एक दिन में सबसे ज़्यादा आँकड़ा है।
पिछले साल जब जनवरी फ़रवरी में कोरोना आया था, तभी से विशेषज्ञ कह रहे थे कि कोरोना की दूसरी लहर आएगी। दूसरी लहर पहले से अधिक ख़तरनाक होगी। दूसरी के बाद तीसरी और चौथी लहर भी आएगी। लेकिन क्या तैयारी हुई?
ऑक्सीजन की कमी से बहुत सारे रोगी गंभीर स्थिति में पहुँच रहे हैं। इसके चलते आईसीयू और वेंटिलेटर पर रोगियों की संख्या बढ़ रही है। डॉक्टर ने यह भी बताया कि ऑक्सीजन की व्यवस्था हो तो बहुत सारे रोगियों का घर पर ही इलाज हो सकता है।
सरकार ने देश के 162 ज़िला अस्पतालों में ऑक्सीज़न प्लांट लगाने की घोषणा की लेकिन अभी भी सिर्फ़ 33 प्लांट ही लगाए जा सके हैं। यह बात ख़ुद सरकार ही मान रही है।
देश में कोरोना के 'डबल म्यूटेंट' का पता जीनोम सिक्वेंसिंग से पिछले साल 5 अक्टूबर को ही चल गया था। इस जीनोम सिक्वेंसिंग के काम में तेज़ी नहीं लाई गई, नीति नहीं बनी। इसके लिए फंड नहीं दिया गया, कोई निर्देश नहीं दिया गया। इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है?
कोरोना संक्रमण के मामले सोमवार को एक दिन में 2.59 लाख आए और 1761 लोगों की मौत हुई। एक दिन पहले ही रविवार को 24 घंटे में 2 लाख 73 हज़ार 810 पॉजिटिव केस आए।
भारत को विश्व गुरु बनाने के नाम पर भोली जनता को ठगने वालों ने उस जनता के साथ बहुत बेरहमी की है। विश्व गुरु भारत आज मणिकर्णिका घाट में बदल गया है। जिसकी पहचान बिना ऑक्सीजन से मरे लाशों से हो रही है।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए जो बीमा योजना की घोषणा पिछले साल की थी उसको वापस ले लिया है। इसके तहत कोरोना ड्यूटी पर किसी स्वास्थ्य कर्मी की मौत होने पर 50 लाख रुपये का प्रावधान किया गया था।