देश में रेमडेसिविर की कमी लेकिन महाराष्ट्र बीजेपी चोरी-छिपे क्यों लाई रेमडेसिविर? कठघरे में फडणवीस। देखिए दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का सटीक विश्लेषण। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ। Satya Hindi
ऐसे समय जब देश में रोज़ाना कोरोना संक्रमण के नए मामलों में काफी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, सरकार ने इसके रोकथाम की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना टीका देने का फ़ैसला किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कोरोना संकट से उबरने के लिए नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी गई चिट्ठी में उन्होंने कई सुझाव दिए हैं।
सरकार भले ही कहे कि कोरोना टीके की कोई कमी नहीं है, लेकिन 45 साल से कम के लोगों को इसकी ज़रूरत नहीं है और उन्हें नहीं दिया जाएगा, सच तो यह है कि कोरोना किसी उम्र के लोगों को नहीं बख़्श रहा है।
ऐसे समय जब कोरोना संक्रमण तेज़ी से बढ़ रहा है और एक दिन में 40 हज़ार के आँकड़े को पार कर चुका है, केंद्र सरकार ने टीकाकरण का दायरा बढाने का फ़ैसला किया है।
रायटर्स के मुताबिक़, चीनी हैकिंग ग्रुप APT10 ने कुछ हफ़्तों पहले भारत में कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली दो निर्माता कंपनियों के आईटी सिस्टम में सेंध लगाई थी।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। महंगाई की मार, फिर 25 रुपए बढ़े रसोई गैस के दाम । गैस सिलेंड के बढ़े दाम, राहुल बोले : चूल्हा फूँको और जुमले खाओ
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।बंगाल में मुफ्त कोरोना वैक्सीन के लिए ममता ने पीएम से मदद माँगी।1 मार्च से बुजुर्गों को मिलेगी मुफ़्त कोरोना वैक्सीन
क्या टीकाकरण अभियान में लगे स्वास्थ्य कर्मी भी टीका के प्रभाव को लेकर आशंकित हैं? क्या वे ख़ुद टीका लेने से बच रहे हैं और दूसरों पर इसके असर को देखना चाहते हैं?
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कौवैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण पूरा नहीं हुआ है और सरकार इस टीका को उतारने के बहाने इसका परीक्षण कर लेगी। उन्होंने कहा, 'भारत के लोग गिनीपिग नहीं हैं।'
कोवैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल यानी परीक्षण के बाद भोपाल में एक गैस पीड़ित वालिंटियर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद वैक्सीन का कथित फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद प्रधानमंत्री का दरवाजा खटखटाते हुए परीक्षण पर तत्काल रोक लगाने की माँग की गई है।
मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित एक निजी मेडिकल कॉलेज में कोवैक्सीन टीके के ट्रायल के दौरान टीका लगाने के नौ दिन बाद एक युवा वालंटियर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से हड़कंप मच गया है।
जमात-ए-इसलामी ने 'हराम' के मुद्दे पर धार्मिक स्थिति साफ करते हुए कहा कि जान बचाने के लिए यदि दूसरी कोई चीज उपलब्ध न हो तो हराम का भी प्रयोग किया जा सकता है। इसलाम में मनुष्य की जान को सबसे महत्वपूर्ण मानते हुए कुछ स्थितियों में 'हराम' के प्रयोग की भी छूट दी गई है।