कोरोना वैक्सीन पर सरकार ने बड़ा फ़ैसला लिया है। फाइजर और मॉडर्ना जैसी कंपनियों के लिए नियमों में बड़ी ढील दी है। ऐसी कंपनियों को अब वैक्सीन की आपात मंजूरी के लिए भारत में ट्रायल ज़रूरी नहीं होगा।
भारत की वैक्सीन नीति को लेकर कहा जा रहा है कि इसने दुनिया के कई देशों के सामने एक संकट खड़ा कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि देश से वैक्सीन के निर्यात पर पाबंदी से उन 91 देश बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
कोरोना टीके की कमी और टीकाकरण कार्यक्रम रुक जाने के बीच केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के तमाम आरोपों को 'अर्द्ध सत्य', 'बिल्कुल झूठ' और 'तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया तथ्य' क़रार दिया है।
भारत सरकार ने कहा है कि फाइजर और मॉडर्ना कंपनियों के पहले से ही ऑर्डर फुल हैं। यानी भारत को अभी इन कंपनियों की वैक्सीन के लिए इंतज़ार करना पड़ेगा। ऐसी स्थिति क्यों आई?