तेज़ी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि अप्रैल महीने में छुट्टी के दिन भी वैक्सीन लगाने की अनुमति दी जाए।
ऐसे समय जब कोरोना संक्रमण तेज़ी से बढ़ रहा है और एक दिन में 40 हज़ार के आँकड़े को पार कर चुका है, केंद्र सरकार ने टीकाकरण का दायरा बढाने का फ़ैसला किया है।
एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन पर अब यूरोपीय यूनियन के बड़े देशों- जर्मनी, इटली और फ्रांस ने भी रोक लगा दी है। कोरोना के ख़िलाफ़ दुनिया भर में चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान को बड़ा झटका लगा है।
राजस्थान सरकार ने कहा है कि राज्य में कोरोना वैक्सीन के कम पड़ने की आशंका है। राजस्थान सरकार ने केंद्र को इस बारे में आगाह किया है। हालाँकि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के दावों को खारिज किया है।
कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू होने के दो दिन में ही अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि टीकाकरण के काम में अब सभी निजी अस्पतालों का इस्तेमाल किया जाए।
कोरोना टीकाकरण के दूसरे चरण का अभियान शुरू हो गया। लेकिन क्या आपको पता है कि टीका लगवाने की पूरी प्रक्रिया क्या है? कैसे रजिस्ट्रेशन कराना है, कैसे अप्वाइंटमेंट लेना है और क्या-क्या नियम-क़ायदे हैं?
कोरोना संक्रमण क्या इस साल के आख़िर तक फैलना रुक जाएगा? डब्ल्यूएचओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा है कि यह सोचना 'अपरिपक्व' और 'अवास्तविक' है कि साल के अंत तक महामारी को रोका जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह नई दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में कोरोना का टीका लगवाया। पुडुचेरी की सिस्टर पी. निवेदा ने प्रधानमंत्री मोदी को भारत बायोटेक की वैक्सीन लगाई।
सवा करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का आँकड़ा काफी बड़ा लगता है, ख़ासकर जब इसकी तुलना हम दुनिया के दूसरे देशों से करते हैं। लेकिन अगर हम इसे प्रतिशत में बदल दें तो तसवीर कुछ दूसरी हो जाती है।
कोरोना टीकाकरण का जो अभियान शनिवार को शुरू हुआ है उसमें दुष्प्रभाव के कम से कम 52 मामले सामने आए हैं। इसमें से अधिकतर सामान्य दुष्प्रभाव हैं जबकि एक मामले में एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।
भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान के शुरू होने के पहले दिन 1 लाख 91 हज़ार लोगों को टीका लगाया गया। सरकार ने पहले दिन 3 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा था।